लखीमपुर हिंसा के मामले में जेल से रिहा हुआ मुख्य आरोपी आशीष मिश्र,को छिपाकर निकाला गया बाहर
लखीमपुर हिंसा मामले का मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा आज जेल से रिहा हो गया है। उसे लखीमपुर जेल से रिहा किया गया है। जहां आशीष मिश्रा को दूसरे गेट से बाहर निकाला गया। बता दें, सर्वोच्च अदालत ने आशीष मिश्रा को 8 हफ्तों के लिए सशर्त जमानत दी है। इसी कड़ी में शुक्रवार(27 जनवरी) को उसकी रिहाई हुई। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने आशीष मिश्रा की जमानत पर सुनवाई की है। सुनवाई करते हुए पीठ ने लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत मंजूर कर ली थी। हालांकि आशीष मिश्रा को दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हिंसा ना करने की शर्त पर रिहा किया गया है। जमानत पर कोर्ट ने यह भी शर्त रखी है कि जेल से छूटने के एक सप्ताह के अंदर आशीष को उत्तर प्रदेश और दिल्ली छोड़ना होगा। इस बीच वह केस से जुड़े गवाहों को धमकाने की कोशिश नहीं करेगा। इस दौरान वह जहां भी होगा उसे थाने जाकर हाजिरी लगवानी होगी। लखीमपुर केस में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए बाकी सभी आरोपियों को भी बेल देने का आदेश दिया है।
इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट खुद इस मामले में निगरानी करेगा और ट्रायल कोर्ट को हर सुनवाई के बाद जानकारी सुप्रीम कोर्ट में भेजनी होगी बता दें, मामले को लेकर अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी। आशीष को अंतरिम जमानत देते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने कहा कि कानून और न्यायिक प्रक्रिया के बीच बैलेंस बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है। आशीष कोर्ट को अपनी लोकेशन के बारे में जानकारी देता रहेगा. ऐसे में उसपर निगरानी रखी जा सकेगी। साथ ही उसे अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करने का आदेश दिया गया है। दरअसल तीन अक्टूबर 2021 को लखीमपुर जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में हिंसा हुई थी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू पर आरोप है कि उसी के इशारे पर थार जीप से प्रदर्शनकारी किसानों को कुचला गया था। इस पूरी घटना में चारकिसानों की जान चली गई थी। इसके अलावा हिंसा भड़कने के बाद कुल 8 लोगों ने जान गंवाई थी।