सुल्तानपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़ा भ्रष्टाचार,दो बच्चों की मां की शादी करा कर दे दिए पैसे
सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आया है। ऐसी महिलाओं की भी शादी करा दी गई जो पहले से शादीशुदा हैं और कई बच्चों की मां है। योजना का लाभ देने के नाम पर पैसों का बंदरबांट हुआ। सामूहिक विवाह योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आने के बाद डीएम ने ब्लॉक स्तरीय अधिकारी को निलंबित कर दिया है। मामला बल्दीराय और कुड़वार ब्लॉक का है। इसमें समाज कल्याण अधिकारी ने इसमें लापरवाही की है। बता दें कि सामूहिक विवाह योजना के तहत हर जोड़े को 51000 रुपये मिलते हैं।
हैरान करने वाली बात यह है कि सुल्तानपुर जिले में एक-दो नहीं बल्कि 34 मामले सामने आए हैं,जहां दो-दो बच्चों की मां को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ दिया गया है। मामले ने जब तूल पकड़ा तो डीएम ने ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया,जबकि एडीओ पर कार्रवाई की संस्तुति कर जांच के आदेश दिए हैं। 11 जुलाई को बल्दीराय विकास खंड में 81 और 12 जुलाई को कुड़वार विकास खंड में 67 जोड़ों की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में शादी कराई गई।दोनों ही जगहों पर इस कार्यक्रम में सरकारी पैसे का बड़े पैमाने पर बंदरबांट हुआ।
बल्दीराय विकास खंड के महुली गांव की रहने वाली सरिता और शांति ननद-भौजाई हैं।सरिता की शादी लगभग आठ वर्ष पहले राजू के साथ हुई। सरिता के दो बेटे भी हैं।बड़ा बेटा पांच साल का और छोटा लगभग सात महीने का है। 12 जुलाई को कुड़वार में सरिता की शादी उसके अपने पति से ही करा दी गई।
भगेलू की बेटी शांति की भी इसी दिन शादी कराई गई जबकि असल में पांच साल पहले ही उमरा गांव में शांति की शादी हो चुकी है।शांति के एक साल का बेटा भी है।इसके अलावा भी ऐसी कई महिलाएं हैं जिनकी शादी इस सामूहिक विवाह योजना के तहत कराई गई जबकि असल में वो पहले से शादीशुदा हैं और कई बच्चों की मां हैं।
दरअसल महुली ग्राम पंचायत में 11 और 12 जुलाई को 24 शादी जबकि भखरी में 10 शादी कराई गई थी,लेकिन वेबसाइट पर भखरी की दस लाभार्थियों की सूची में भी महुली की चार-पांच महिलाएं हैं।भखरी प्रधान प्रतिनिधि सूरज वैश्य और महुली प्रधान प्रतिनिधि शिव सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इसके सत्यापन में पहले सचिव हम लोगों से जानकारी लेते थे,लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है।
बता दें कि नियम के अनुसार पोर्टल पर आए आवेदन को एडीओ (समाज कल्याण) खंड विकास अधिकारी को भेजते हैं।इसका सत्यापन बीडीओ ग्राम सचिव से करवाकर ऑनलाइन रिपोर्ट करते हैं,लेकिन राहुल यादव का कहना है कि हमसे कोई सत्यापन नहीं कराया गया है।
अब मामला सामने आने के बाद कुड़वार खंड विकास अधिकारी नीलिमा गुप्ता को जांच अधिकारी बनाया गया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि बल्दीराय में सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण का प्रभार संभाल रहे अभिषेक गिरि के निलंबन के लिए डीएम के आदेश पर सीडीओ के माध्यम से शासन से संस्तुति की है।