दोहरे हत्याकांड में बड़ा अपडेट साजिद और जावेद ने ही की थी मासूम भाइयों की हत्या, पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट
बदायूं की बाबा कॉलोनी में दो मासूम भाइयों आयुष और आहान की 19 मार्च को हत्या कर दी गई थी। इस दोहरे हत्याकांड में अब तक कई तरह के सवाल उठ रहे थे। एक सवाल यह भी था कि हत्या केवल साजिद ने की थी या फिर दोनों भाई थे। सिविल लाइंस थाना पुलिस ने सोमवार को चार्जशीट कोर्ट में पेश की तो स्पष्ट हो गया कि दोनों बच्चों की हत्या किसी एक ने नहीं बल्कि दोनों आरोपी भाइयों ने मिलकर की थी। चार्जशीट के मुताबिक दोनों आरोपी साजिद और जावेद उधार में पांच हजार रुपये मांगने के बहाने से अपने सैलून के सामने स्थित विनोद कुमार के घर में घुसे थे। जब विनोद की पत्नी संगीता ने रुपये देने से इन्कार कर दिया तो आरोपियों ने हत्याकांड को अंजाम दिया। हत्याकांड की विवेचना के दौरान पुलिस ने तमाम सीसीटीवी कैमरे खंगाले। बच्चों के पिता विनोद कुमार, मां संगीता, दादी मुन्नी देवी और पीयूष समेत 21 लोगों के बयान दर्ज किए।
बच्चों की दादी मुन्नी देवी ने पुलिस को बताया कि साजिद और जावेद रुपये मांगने के बहाने घर में घुसे थे। रुपये न देने पर दोनों बच्चों की गला रेतकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने इसे ही मुख्य साक्ष्य माना है। आरोपियों के मोबाइल फोन की लोकेशन से उनका घटनास्थल पर होना पुष्ट हुआ। आरोपियों के खून से सने कपड़े पुलिस ने बरामद किए। हत्या में प्रयुक्त में चाकू मिल गया है। सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग में घटनास्थल की ओर उनके जाने की पुष्टि भी हुई है। इन साक्ष्यों और बयानों को समेटते हुए पुलिस ने विवेचना की। इस मामले की पुलिस ने 72 पन्नों की चार्जशीट तैयार की है। दो दिन पहले उसे विधिक राय के लिए भेजा गया था। विधिक राय मिलने पर उसे सोमवार को कोर्ट में दाखिल कर दिया गया।
दो माह से लंबित है पुलिस एनकाउंटर की जांच…
19 मई को ही घटना के तीन घंटे बाद साजिद शेखूपुर के जंगल में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। दूसरे दिन डीएम मनोज कुमार ने इसकी मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए थे। इसकी मजिस्ट्रेटी जांच सिटी मजिस्ट्रेट कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने एक सूचना सार्वजनिक की थी। कहा गया था कि जो कोई भी व्यक्ति अपने बयान दर्ज कराना चाहता है। वह कार्यालय आकर अपने बयान दर्ज करा सकता है। इस मामले को दो माह से ज्यादा समय हो चुका है लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है।
एनकाउंटर में मारा गया था साजिद…
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र की बाबा कॉलोनी में 19 मार्च 2024 की शाम करीब सात बजे 12 वर्षीय आयुष और उसके छह वर्षीय भाई आहान उर्फ हनी की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। हत्या घर की दूसरी मंजिल की छत पर हुई थी। उस दौरान घर में बड़ा भाई आयुष, छोटा भाई आहान उर्फ हनी, मझला भाई पीयूष और उनकी मां संगीता, दादी मुन्नी देवी मौजूद थीं। वारदात के कुछ ही घंटों बाद साजिद एनकाउंटर में मारा गया था। जावेद फरार हो गया था।
21 मार्च को बरेली थाने में सरेंडर हुआ था जावेद…
सिविल लाइंस पुलिस की विवेचना के अनुसार जावेद हत्याकांड को अंजाम देने के बाद यहां से भाग गया था। वह सहसवान होते हुए दिल्ली पहुंचा और 21 मार्च को नाटकीय अंदाज में बरेली के बारादरी थाने में सरेंडर हो गया। उसका सरेंडर होना एक नाटक था। जब बाद में उसके बयान दर्ज किए गए तो उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। इस दोहरे हत्याकांड में उसे हत्यारोपी मानते हुए पुलिस ने कार्रवाई की है। उसके खिलाफ ही चार्जशीट लगाई गई है।