मुंबई में पानी की मारामारी! टैंकर ऑपरेटर्स हड़ताल पर, BMC ने ले लिया ये बड़ा फैसला
मुंबई में पानी के टैंकरों की हड़ताल के बीच मुंबई महानगरपालिका यानी (BMC) ने बड़ा फैसला किया है। मुंबई में टैंकर हड़ताल खत्म न होने पर बीएमसी ने आपदा प्रबंधन कानून के तहत बड़ा कदम उठाया है। बीएमसी अब शहर के कुएं, बोरवेल और निजी पानी टैंकरों को अपने कंट्रोल में लेकर पानी की सप्लाई खुद करेगी। BMC कमिश्नर से मिलने के बाद वाटर एसोसिएशन ने अपना फैसला वापस लिया है।
मुंबई की दैनिक जल आवश्यकता लगभग 4,463 मिलियन लीटर है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) हर दिन 3,950 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति करती है। बचे हुए लगभग 250 से 300 मिलियन लीटर पानी की पूर्ति निजी टैंकरों के माध्यम से की जाती है। यह अतिरिक्त पानी शहर के भीतर मौजूद 385 बोरवेल और रिंग वेल जैसे स्रोतों से निकाला जाता है। मुंबई वाटर टैंकर एसोसिएशनके तहत लगभग 1,800 से 2,500 टैंकर पंजीकृत है।
टैंकरों से रोजाना 250 से 350 मिलियन लीटर पानी होता सप्लाई
इन टैंकरों की क्षमता 500 लीटर से लेकर 20,000 लीटर तक होती है। वहीं, यह टैंकर करीब 250 से 350 मिलियन लीटर पानी मुंबई की सोसाइटी, गली और घरों तक पहुंचाते है। यह टैंक जिन स्त्रोतों से पानी भरते हैं, उनमें अधिकतर निजी कुएं, बोरवेल और रिंग वेल शामिल है। टैंकरों की सेवा का दायरा दक्षिण मुंबई के पॉश इलाकों से लेकर उपनगरों की रिहायशी सोसाइटियों, रेलवे, निर्माण स्थलों और औद्योगिक क्षेत्रों तक फैला हुआ है।
क्यों शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल?
BMC की ओर से निजी कुओं के मालिकों को दिए गए नोटिसों और NOC अनिवार्यता करने के बाद मुंबई वाटर टैंकर एसोसिएशन ने हाल ही में शहरभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल के कई रिहायशी इमारतों, मेट्रो और रोड प्रोजेक्ट्स, रेलवे कोच सफाई और अन्य आवश्यक सेवाओं की जल आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। BMC ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू किया है।
नोटिस वापस लिए जाने पर अड़ा MWTA
इसके तहत BMC ने टैंकर सेवा और जल स्रोतों को अपने नियंत्रण में लेने की प्रक्रिया शुरू की है। अब नागरिकों को अपने वार्ड के सिटीजन फैसिलिटेशन सेंटर (CFC) में शुल्क जमा कर पानी की मांग करनी होगी, जिसके बाद BMC टैंकर के जरिए आपूर्ति करेगी। शहर के जलाशयों में जलस्तर तेजी से घट रहा है, जिससे गर्मियों में संकट और गहराने की आशंका है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने निर्देश दिया है कि नियमों और जरूरतों के बीच संतुलन बनाकर समाधान निकाला जाए। हालांकि, MWTA ने साफ किया है कि जब तक नोटिस वापस नहीं लिए जाते, तब तक हड़ताल जारी रहेगी और वे कानूनी लड़ाई के लिए भी तैयार है।