नाव हादसा तीन की हुई मौत, नदी में बेटे को खोजता रहा बेबस पिता
बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सुमली नदी में नाव पलटने की घटना के बाद बड़ी प्रशासनिक लापरवाही नजर आई तो वहीं घटना के बाद नाव में सवार लोगों के और बाहर खड़े युवकों के हौसलों से लगभग आठ जान बच गई। मेले के दौरान नाव का संचालन हो रहा था, लेकिन सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया गया था। दो बच्चों सहित तीन लोगों की मौत से सालपुर गांव में मातम के बादल छाए है।मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र में बैरनामऊ मंझारी गांव में कार्तिक पूर्णिमा मेले में दंगल का आयोजन था। इस मेले में आसपास के गांवों के लोग इकट्ठा होते हैं। सालपुर और आधा दर्जन गांव के लोग नदी को पार करके आते हैं। मंगलवार सुबह से ही नाव से लोग आ जा रहे थे। नाव बेधड़क चल रही थीं। जल्दी जाने के चक्कर में दोपहर लगभग तीन बजे सालपुर गांव के 25 लोग नाव में सवार हो गए। नाव में बैठने की जगह भी नहीं बची थी।मेले की वजह से नदी के दोनों किनारों पर लोग मौजूद थे। नाव पलटी तो सालपुर गांव के अशोक, राज, कृपाराम, सुकई, प्रवेश, निर्मला देवी, सचिन, दूबे, पंकज, नीतू जैसे तैसे बाहर तो निकल आए मगर बाकी लोग फंस गए। इस दौरान नदी के किनारे मौजूद कुछ युवक और नदी से तैरकर निकले लोगों ने फिर से नदी में जाकर आठ लोगों को बाहर निकाला। इन लोगों के हौसलों से आठ जानें बच गई। मौके पर पहुंची पुलिस और अधिकारियों की मौजूदगी में लगभग तीन घंटे तक रेस्क्यू चला।
नदी में बेटे को खोजता रहा बदहवास पिता सालपुर के अशोक उर्फ छोटू के साथ मेला देखने के लिए बेटा हिमांशु और राज भी नाव में सवार थे। दोनों अशोक के पास ही बैठे थे। हादसे के दौरान दोनों बेटे पानी में गिर गए। अशोक ने दोनों बेटों को पकड़ने की कोशिश की मगर छोटा बेटा हिमांशु अशोक के हाथ से छूट गया और गहरे पानी में समा गया। वहीं बड़े बेटे राज को जैसे-तैसे पानी से बाहर निकाला। इसके बाद बदहवास अशोक नदी में बार-बार गोता लगाकर अपने दूसरे बेटे हिंमाशु को खोजता रहा। बाद में नदी से निकले हिंमाशु का शव देख वह बिलख पड़ा। दो साल से निर्माणाधीन है पुल बता दें कि सुमली नदी पर ककरहा गांव के पास दो साल से पुल का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन अभी तक पुल की स्लेप तक नहीं बन सकी है। अगर पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाता तो शायद ये हादसा ना होता। इस पुल के बनने से दर्जनों गांव के लोगों को आने जाने में आसानी होगी। ग्रामीणों की मांग पर ही इस पुल का निर्माण शुरू हुआ था। रोका गया नावों का संचालन मोहम्मदपुर खाला क्षेत्र में नाव पलटने की घटना के बाद प्रशासन नींद से जागा। जिले में जहां भी नदी किनारे मेलों के आयोजन किए गए थे वहां पर पुलिस पहुंची। रात में नाव का संचालन बंद करा दिया गया। हैदरगढ़ के टीकारामधाम के मेले में शामिल होकर लौट रहे जो लोग नाव से गोमती नदी पार कर रहे थे उन्हें रोक दिया गया।
पुलिस ने वाहनों का इंतजाम कर लोगों को घर तक पहुंचाया। परिजनों को मिलेंगे चार-चार लाख सुमली नदी में नाव पलटने की घटना का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया। सीएम योगी ने घटना पर गहरा दुख प्रकट किया है। सीएम योगी ने तत्काल अफसरों को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए तो डीएम और एसपी घटनास्थल पर पहुंच गए। अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया और नदी से बाहर निकलकर आए लोगों से पूरी घटना की जानकारी ली। देर रात तक डीएम-एसपी मौके पर मौजूद थे।डीएम अविनाश कुमार ने बताया कि नाव पलटने की सूचना पर पहुंचे तो वहां स्थानीय पुलिस और ग्रामीणों के सहयोग से सात लोगों को नदी से निकाला गया। जबकि 13 लोग तैर कर पहले ही निकल आए थे। पांच अन्य लोगों को नदी से बेहोशी की हालत में निकालकर सीएचसी भेजा गया। इसमें से तीन की मौत हो गई जबकि दो का इलाज चल रहा है। डीएम ने बताया कि आपदा निधि से मृतक के परिवारों को 4-4 लाख की सहायता राशि जल्द उपलब्ध करा दी जाएगी।