तहसील में वकीलों और लेखपालों में भिड़ंत, न्यायिक कार्य नहीं करेंगे अधिवक्ता
लखनऊ में मोहनलालगंज तहसील में बृहस्पतिवार को वकीलों और लेखपालों में भिड़ंत हो गई। दोनों पक्षों में विवाद एक राजस्व पत्रावली में रिपोर्ट लगाने को लेकर शुरू हुआ था। घटना के चलते करीब पांच सौ फरियादियों को निराश होकर लौटना पड़ा। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर मारपीट करने का आरोप लगाया। पुलिस ने दोनों पक्षों पर केस दर्ज किया है। घटना के बाद आक्रोशित वकीलों ने बार भवन में बैठक कर दोषी लेखपालों पर कार्रवाई करने की मांग की और न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर दिया। वहीं, मोहनलालगंज लेखपाल संघ ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और जिले में हड़ताल की घोषणा कर दी।
बार एसोसिएशन मोहनलालगंज के महामंत्री रामलखन यादव ने बताया कि राजस्व पत्रावली में रिपोर्ट लगाने को लेकर वकील प्रदीप कुमार का लेखपाल दीपक से विवाद हुआ था। उनका आरोप है कि इस दौरान लेखपाल अमरीष वर्मा व शैलेंद्र वर्मा ने प्रदीप की पिटाई कर दी। मामला शांत कराने पहुंचे सीनियर वकील कृपाशंकर से भी लेखपालों के गुट ने मारपीट की। वहीं, मोहनलालगंज लेखपाल संघ के अध्यक्ष अमरेश का आरोप है कि वकील रिपोर्ट लगाने का दबाव बना रहे थे। इसे लेकर लेखपाल पर हमला कर दिया। कार्रवाई न होने पर प्रदेश स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा। इंस्पेक्टर संतोष कुमार आर्य के मुताबिक, केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
लूट-छेड़छाड़, बलवा और मारपीट समेत गंभीर धाराओं में सात वकीलों पर केस…
इस मामले में लेखपाल दीपक द्विवेदी की तहरीर पर सात अधिवक्ताओं पर नामजद एफआईआर दर्ज की गई। इसमें केपी यादव, सुजीत यादव, संतोष, अशोक यादव, मनीष मिश्रा, वीरेंद्र और धीरेंद्र शामिल हैं। आरोप है कि इन सभी ने पहले गालियां दीं, इसके बाद मारपीट करने लगे। यह सब देखकर महिला लेखपाल समेत अन्य कई लेखपाल बीच बचाव करने पहुंचे। आरोप है कि आरोपियों ने महिला लेखपाल से छेड़छाड़ की। कपड़े फाड़ने का प्रयास किया। आरोपियों पर बलवा, मारपीट, छेड़छाड़, लूट, एससीएसटी एक्ट आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। उधर अधिवक्ताओं की ओर से भी लेखपालों के खिलाफ देर रात मुकदमा दर्ज कराया जा रहा था।