दिल्ली शराब नीति केस में सीएम अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत,177 दिन बाद जेल से आएंगे बाहर, सुप्रीम कोर्ट बोला-पिंजरे के तोते वाली छवि से बाहर आए सीबीआई
नई दिल्ली।दिल्ली शराब नीति से जुड़े सीबीआई केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को जमानत मिल गई। केजरीवाल 177 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे।कोर्ट ने सीएम केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कई अहम टिप्पणी की है।कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को सशर्त जमानत दी है।कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा है कि वह जेल से बाहर आने के बाद किसी भी फाइल पर कोई साइन नहीं कर पाएंगे।
कोर्ट रूम में सुनवाई के दौरान जजों ने कुछ अहम टिप्पणी की है।दो जजों की बेंच जमानत पर एकमत,लेकिन गिरफ्तारी पर अलग राय। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति उज्ज्वला भुईयां ने कह कि केजरीवाल पर लगाई गई शर्तों पर न्यायिक अनुशासन के कारण टिप्पणी नहीं कर रहा हूं।न्यायमूर्ति भुईयां ने कहा कि ईडी मामले में रिहाई के समय केजरीवाल को गिरफ्तार करने की सीबीआई की जल्दबाजी समझ से परे, जबकि 22 महीने तक उसने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया।
न्यायमूर्ति भुईयां ने इस केस पर कहा कि ईडी मामले में केजरीवाल पर लगाई गई शर्तें घोर आपत्तिजनक हैं, जो उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश करने से रोकती हैं। न्यायमूर्ति भुईयां ने कहा कि जब केजरीवाल को ईडी मामले में जमानत मिल गई है तो उन्हें हिरासत में रखना न्याय की दृष्टि से ठीक नहीं होगा। न्यायमूर्ति भुईयां ने कहा कि केजरीवाल के गोलमोल जवाबों का हवाला देकर सीबीआई गिरफ्तारी को उचित नहीं ठहरा सकती और हिरासत में रखे नहीं रह सकते।
न्यायमूर्ति भुईयां ने कहा कि सीबीआई की गिरफ्तारी जवाब से ज्यादा सवाल खड़े करती है। जैसे ही ईडी केस में उन्हें जमानत मिलती है। सीबीआई एक्टिव हो जाती है। ऐसे में अरेस्टिंग के समय पर सवाल खड़े होते हैं। न्यायमूर्ति भुईयां ने सुनवाई के दौरान कहा कि CBI को ऐसी धारणा दूर करनी चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता है,उसे दिखाना चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता नहीं है।। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति पहले से हिरासत में है। जांच के सिलसिले में उसे दोबारा अरेस्ट करना गलत नहीं है। सीबीआई ने बताया है कि उनकी जांच क्यों जरूरी थी।न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी अवैध नहीं है। सीबीआई ने नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है। उन्हें जांच की जरूरत थी। इसलिए इस केस में अरेस्टिंग हुई।
बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 156 दिन जेल में बिता चुके हैं।केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया। 10 मई को 21 दिन के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए केजरीवाल को रिहा किया गया।ये रिहाई केजरीवाल को 51 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी। 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया।आज शुक्रवार को केजरीवाल की रिहाई हो जाती है तो उन्हें जेल गए कुल 177 दिन हो जाएंगे। इसमें से केजरीवाल 21 दिन अंतरिम जमानत पर रहे। यानी केजरीवाल ने अब तक कुल 156 दिन जेल में बिताए हैं।
बता दें कि अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलना आम आदमी पार्टी के लिए काफी अहम है।हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। यहां सभी 90 सीटों पर एक फेज में 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी। मतगणना 8 अक्टूबर को होगी।
हरियाणा में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन नहीं है।आप 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।ऐसे में केजरीवाल के जेल से बाहर आने पर प्रचार का जिम्मा उन पर होगा।
केजरीवाल के पास लगभग 25 दिन प्रचार के लिए होंगे। केजरीवाल के पास सिंपैथी वोट आ सकता है।लोकसभा चुनाव के दौरान भी केजरीवाल को प्रचार के लिए 21 दिन की अंतरिम जमानत मिली थी। तब आप को ज्यादा फायदा नहीं मिला।आप ने पांच राज्यों की 22 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था,जिसमें सिर्फ तीन में जीत मिली थी। हालांकि हरियाणा विधानसभा चुनाव में परिस्थितियां अलग हैं।यहां आप को कितना फायदा मिलेगा। यह तो चुनावी परिणाम ही बताएगा।