फरियादी लगा रहे चक्कर, सिर्फ आश्वासन देते हैं अधिकारी, नहीं होता समस्याओं का कोई समाधान
तहसील दिवस मात्र अब खानापूर्ति के लिए रह गया है, क्योंकि कई बार शिकायत देने के बाद भी फरियादियों की शिकायतों का निस्तारण नहीं हो रहा है। आलम यह है कि तहसील दिवस के चक्कर काटते-काटते फरियादी ही खुद घन-चक्कर बन गए हैं। हालांकि डीएम समस्याओं के निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को समय अवधि में शिकायतों का पारदर्शिता के साथ निस्तारण कराने के लिए निर्देशित कर रहे हैं, लेकिन कुछ अधिकारी व कर्मचारी ऐसे हैं, जिन पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। उधर, फरियादियों मेें भी रोष पनपता जा रहा है।
केस नंबर एक…
ककौरखुर्द गांव के महावीर पुत्र बदन सिंह ने बताया कि उसने गांव के एक व्यक्ति को कृषि भूमि बटाई पर दी थी। तीन साल से उक्त व्यक्ति फसल बेच रहा है, लेकिन आज तक एक फूटी-कौड़ी नहीं दी। पैसे मांगने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देता है। तहसील दिवस में कई बार प्रार्थना पत्र दे चुका हूं।
केस नंबर दो…
केस नंबर तीन…
तहसील दिवस में शिकायत लेकर आने वाले फरियादियों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उनका समय अवधि में समाधान कराया जा रहा है, जो आबादी के मामले में हैं केवल वे लंबित चल रहे है, उनका भी समाधान कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है। बताया कि डीएम के आदेशों पर आठ टीमों को मौके पर भेजकर छह शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण करा दिया गया है।