गाजीपुर में डीएम की बड़ी कार्रवाई; सात लेखपाल सस्पेंड, पांच संविदा कर्मी पर एफआईआर, सीडीओ के स्टेनो का तबादला
गाजीपुर में आय और निवास प्रमाणपत्र फर्जी बनाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने मामले में अब तक 10 लेखपालों को निलंबित कर दिया है। वहीं, सीडीओ के स्टेनो को हटाकर जमानिया तहसील से संबद्ध कर दिया है, जबकि उनकी जगह पर डीडीओ ऑफिस के बाबू को तैनात किया गया है। इसी तरह जमानिया की एसडीएम के पास से डीपीओ के अतिरिक्ति चार्ज को हटा लिया गया है।
जिले में आंगनबाड़ी भर्ती के दौरान लगाए गए आय और निवास प्रमाणपत्र के फर्जी होने को लेकर 14 शिकायतें आई। सीडीओ संतोष कुमार वैश्य की ओर से कराई गई जांच में सभी शिकायतें सही मिलीं। शिकायतों में 13 अपात्र बीपीएल श्रेणी का आय प्रमाणपत्र लगाए पाए गए।
इसमें सीडीओ के स्टेनो राधेश्याम यादव की बेटी और चौकड़ी निवासी पूजा का आय प्रमाणपत्र भी बीपीएल श्रेणी का मिला, जबकि उनके पति अजीत कुमार सरकारी शिक्षक हैं। इसी तरह लेखपाल, जवान, पुलिस के सिपाही, शिक्षक, रेलवे कर्मचारी, ग्राम प्रधान, कोटेदार तक की पत्नियों को इसी तरह का फर्जीवाड़ा कराकर नियुक्ति पत्र थमा दिया गया है।
मामला खुलते ही सीडीओ के स्टेनो की बेटी समेत अन्य लोगों ने त्यागपत्र दे दिया। इसी तरह एक मामला बाराचावर ब्लाॅक के दिलशादपुर में अंजलि चौहान का भी सामने आया, जिनकी शादी हो चुकी है। लेकिन, लेखपाल ने शादी के बाद भी मायके वाले पते से ही निवास प्रमाणपत्र जारी कर दिया, जिसे अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
प्रकरण को डीएम ने भी गंभीरता से लिया और संबंधित प्रमाणपत्र को जारी करने वाले 10 लेखपालों को निलंबित कर दिया। हालांकि इसी मामले में तीन लेखपाल पहले से ही निलंबित हो चुके हैं। साथ ही कासिमाबाद, सदर, सैदपुर, जखनिया और जमानिया में प्रमाणपत्र जारी होने की तिथि पर तैनात पांच तहसीलदारों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।