पुलिस की पिटाई के दौरान एमआर की चौकी में हुई मौत परिजन बोले इंस्पेक्टर व दारोगा मांग रहे थे तीन लाख रुपये
उत्तर प्रदेश के जनपद फतेहपुर के सदर कोतवाली के राधानगर पुलिस चौकी के बाथरूम में रविवार तड़के पहर पुलिस पिटाई से एमआर की हालत बिगड़ गई। गंभीर हालत में पुलिस उसे जिला अस्पताल लेकर गई जहां चिकित्सक के मृत घोषित कर दिया। सुबह दस बजे के बाद खबर मिलते ही स्वजन कोतवाली पहुंचकर हंगामा किया। शिक्षक बड़े भाई अरुण कुमार ने आरोप लगाया कि अनाधिकृत रूप से गुरुवार रात आठ बजे छोटे भाई को एटीएम हैक करने के आरोप में पुलिस घर से उठा ले गई थी। इसके बाद छोड़ने के लिए तीन लाख रुपये न मिलने पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर भाई को पीट-पीटकर मार डाला। इस लापरवाही पर एसपी राजेश कुमार सिंह ने राधानगर इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह, चौकी प्रभारी विकास सिंह व कांस्टेबल देवेंद्र यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर पूरे मामले की जांच एएसपी अनिरुद्ध कुमार को दी है।
ललौली क्षेत्र के कीर्तिखेड़ा गांव में रहने वाले 28 वर्षीय सत्येंद्र कुमार दवा की एक कंपनी में एमआर थे और नगर के जयरामनगर में किराए का कमरा लेकर रहते थे। गुरुवार रात राधानगर चौकी पुलिस चौकी धोखाधड़ी के आरोप में उसे कमरे से पूछताछ के लिए पकड़ ले गई थी और तीन दिनों से चौकी के लाकअप में बंद किये रही। शनिवार को सिंचाई विभाग के जेई अरविंद कुमार अपने छोटे भाई सत्येंद्र से मिलने राधानगर चौकी पहुंचे तो पहले भगा दिया गया। दोबारा वह अपराह्न बाद फिर गए तो पुलिस ने मुलाकात कराई। इसके बाद रात 10 बजकर 37 मिनट पर छोटे भाई से उसने जरिये मोबाइल बात कर हाल जाना था।धोखाधड़ी के आरोप में सत्येंद्र वांछित था जिसे राधानगर पुलिस चौकी पूछताछ को लाई थी। जिसकी रविवार तबियत सुबह अचानक बिगड़ गई। जिला अस्पताल में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लापरवाही बरतने पर इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह, दारोगा विकास सिंह व कांस्टेबल देवेंद्र यादव को निलंबित कर जांच बिठा दी गई है। घटना की मजीस्टीरियल जांच भी कराई जाएगी। चिकित्सकीय पैनल द्वारा वीडियोग्राफी के बीच शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
इंस्पेक्टर व दारोगा एक घंटे में मांग रहे थे तीन लाख रुपये कौशाम्बी जिले के सिंचाई विभाग के अवर अभियंता अरविंद कुमार ने बताया कि जब वह अनाधिकृत रूप से राधानगर चौकी के हवालात में बंद छोटे भाई सत्येंद्र से मिलने गया तो पूरी तरह से स्वस्थ्य था और उसे कोई बीमारी भी नहीं थी। इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह व चौकी प्रभारी विकास सिंह उसे छोड़ने के एवज में एक घंटे के भीतर तीन लाख रुपये मांग रहे थे। जिस पर उसने इतने कम समय में रुपये का इंतजाम करने से मना कर दिया था। रुपये न मिलने पर उसकी भाई की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। उसका भाई कभी जेल तक नहीं गया बल्कि वह दवा की एक कंपनी में एमआर था। धोखाधड़ी के आरोप में सत्येंद्र वांछित था जिसे राधानगर पुलिस चौकी पूछताछ को लाई थी। जिसकी रविवार तबियत सुबह अचानक बिगड़ गई। जिला अस्पताल में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लापरवाही बरतने पर इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह, दारोगा विकास सिंह व कांस्टेबल देवेंद्र यादव को निलंबित कर जांच बिठा दी गई है। घटना की मजीस्टीरियल जांच भी कराई जाएगी। चिकित्सकीय पैनल द्वारा वीडियोग्राफी के बीच शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।