ED अधिकारी ने ट्रेन से कटकर दी जान, परिजनों ने पुलिस वालों से छुपाई अधिकारी की पहचान, तीन दिन बाद हुई जानकारी
प्रवर्तन निदेशालय ED के अधिकारी आलोक रंजन ने उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में ट्रेन से कटकर जान दे दी। यह घटना 18 अगस्त को हुई। लेकिन परिजनों ने ED अधिकारी होने की बात छिपा ली। इस वजह से तीन दिन तक इस सुसाइड की किसी को कोई जानकारी नहीं हुई। माना जा रहा है कि वह एक सीबीआई जांच में घिरे थे। संभवत इसी वजह से उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया होगा।
18 अगस्त को गौशाला फाटक के पास रेलवे ट्रैक पर मिली थी लाश
मामला गाजियाबाद के विजयनगर थाना क्षेत्र में गौशाला रेलवे फाटक है। यहां रेलवे ट्रैक पर 18 अगस्त को एक व्यक्ति की लाश बरामद हुई। जेब में ड्राइविंग लाइसेंस और एक पर्ची रखी मिली। पर्ची पर आलोक रंजन नाम लिखा हुआ था। ऐड्रेस गाजियाबाद के राज नगर स्थित SN ग्रांड सोसाइटी का लिखा हुआ था। इस आधार पर जीआरपी ने परिजनों को सूचना भिजवाई। वह आए और शव की पहचान कर ली। 19 अगस्त को शव का पोस्टमार्टम हुआ और वह शव को लेकर चले गए। उन्होंने आलोक रंजन की ना तो प्रोफाइल पुलिस को बताई और ना ही मौत की वजह स्पष्ट की। जीआरपी ने भी इसे सामान्य सुसाइड केस माना।
परिजनों ने घटना के वक्त पुलिस से छिपाई जानकारी
21 अगस्त को पता चला कि ED के प्रवर्तन अधिकारी आलोक रंजन ने गाजियाबाद में सुसाइड कर लिया है। शुरुआती जानकारी में पता चला कि वह साहिबाबाद स्टेशन के पास ट्रेन से कट गए हैं। इस सूचना पर साहिबाबाद एसीपी रजनीश उपाध्याय भी जांच में टूट गए। उन्होंने थाना पुलिस के अलावा जीआरपी और आरपीएफ को फोन किया। पता चला कि साहिबाबाद एरिया में ट्रेन रन ओवर की कोई घटना नहीं हुई है। देर शाम जाकर पता चला कि यह हादसा गौशाला फाटक के पास हुआ था। आलोक रंजन ED में अधिकारी थे। यह बात परिजनों ने उसी वक्त जीआरपी को नहीं बताई। संभवत 3 दिन तक इसी वजह से यह मामला छिपा रहा। जब ED मुख्यालय दिल्ली तक आलोक रंजन के सुसाइड करने की बात पहुंची, तभी यह घटनाक्रम सार्वजनिक हुआ।
सीबीआई जांच में घिरे थे आलोक रंजन
इसी महीने 7 अगस्त को ED के सहायक निदेशक संदीप सिंह को 50 लख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। सीबीआई से मुंबई के एक ज्वेलर ने शिकायत की थी कि कुछ महीने पहले उसके यहां ED की रेड पड़ी थी। इस रेड के बाद ED ने उसके बेटे से पूछताछ की थी। सहायक निदेशक संदीप सिंह ने बेटे को गिरफ्तार नहीं करने के एवज में 50 लख रुपए की मांग की थी। सीबीआई जब इसी केस की जांच कर रही थी। उसी में ED अधिकारी आलोक रंजन का नाम भी सामने आया था। कहा जा रहा है कि ED आलोक रंजन से दो बार पूछताछ भी कर चुकी थी।