आज भी न हो सकी जमानत, ईश्वर के यहाँ देर है, अंधेर नहीं, देर से ही सही पर मुझे कानून और भगवान पर पूरा भरोसा रहा, इसलिए न्याय मिला – ब्रज नंदन
बुरे काम का बुरा नतीजा क्यूं भाई चाचा, हाँ भतीजा…
प्रतापगढ़। जानलेवा मामले में चिलबिला के दोनों आरोपियों को आज भी जमानत नहीं मिल सका, क्योंकि जिला कलेक्ट्रेट एवं दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता संगठनों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल घोषित कर रखा है। हड़ताल कब तक खिचेगी कह पाना मुश्किल है। अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद दोनों आरोपियों को तीन दिन की तारीख देकर जेल भेजा गया था और उसी के बाद अधिवक्ता संगठनों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल घोषित कर दिया गया।
विधायक के नाम पर जनता के बीच आतंक मचाने वालों के पाप का घड़ा तो एक न एक दिन फूटना ही था, सो अब जाकर फूटा है
अधिवक्ता संगठनों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से भाजपा नेता अभिषेक उमरवैश्य एवं अधिवक्ता मृदुल लाल गुप्ता को आज भी जमानत नहीं मिल सकी। अब अगली तारीख 30 जनवरी को निर्धारित की गई है। अधिवक्ताओं की हड़ताड़ हो जाने से भाजपा विधायक के दोनों चहेते जानलेवा हमले के आरोपियों की जमानत अर्जी पर आज भी सुनवाई न हो सकी। सच कहा गया है कि जब दिन खराब होता है तो हर तरह से होता है।
घमण्ड ईश्वर का पहला आहार माना गया है, अभिषेक उमरवैश्य एवं मृदुल लाल गुप्ता का घमंड ही उन्हें जेल की सलाखों के पीछे तक ले गया
भाजपा विधायक प्रतापगढ़ राजेन्द्र मौर्य के खास अभिषेक उमरवैश्य एवं मृदुल लाल गुप्ता ने विधायक के भांजे एवं प्रतिनिधि अरुण मौर्य के जन्मदिन पर शहर के एक होटल में मारपीट की थी। लगभग डेढ़ साल बाद कोतवाली नगर में दर्ज मुकदमें में विवेचक द्वारा जब अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया तो जानलेवा मामले के आरोपी चिलबिला निवासी अभिषेक उमरवैश्य और मृदुल लाल गुप्ता एडवोकेट को अपनी जमानत कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। परन्तु उनकी किस्मत खराब थी और अदालत से उनकी जमानत अर्जी खारिज हो गई और जेल जाना पड़ा।
विधायक के साथ उठने बैठने से कुछ लोग स्वयं को मान लेते हैं, विधायक और उसी अंदाज में करने लगते हैं, जनता में सबसे ब्यवहार
जेल जाने के बाद विधायक जी की इज्जत दाँव पर लग गई। हालाँकि जमानत खारिज होने के बाद दूसरे दिन ही जमानत अर्जी पर सुनवाई की तारीख तय थी। परन्तु दोनों का दुर्भाग्य देखिये कि उसी दिन से अधिवक्ताओं के संगठन ने हड़ताड़ कर दी। जिसकी वजह से जमानत अर्जी की सुनवाई 27 जनवरी को निर्धारित की गई। हड़ताड़ की वजह से आज भी जमानत अर्जी पर सुनवाई न हो सकी। अधिवक्ता संगठनों की ये हड़ताड़ अनिश्चित है। ऐसे में कितने दिन दोनों आरोपियों को जेल की हवा खानी पड़ेगी, कहना मुश्किल है।
मुझे धोखे से मारकर अपनी वाहवाही बटोरने वालों को मिल रही है, गिन-गिन कर उसकी सजा- ब्रज नंदन (पीड़ित)
वांछित अभियुक्त मृदुल लाल गुप्ता व अभिषेक उमरवैश्य भाजपा विधायक के अति करीबी हैं। उनके ही आगे पीछे उनका जयकारा लगाते रहते हैं। उनके साथ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करना मानो उनकी शौक बन चुकी है। पुलिस भी जानती थी कि दोनों आरोपी विधायक की अति करीबियों में से हैं। फिर भी पुलिस विवेचना में इनके खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया। नतीजा यह हुआ कि दोनों आज जेल की सलाखों के पीछे हैं।अधिवक्ता संगठनों की अनिश्चित कालीन हड़ताड़ से जमानत मिलने की उम्मीद भी कम ही दिख रही है।