पिता को रहा पछतावा बेटी आयुषी को मुखाग्नि देते समय टूटा पिता, काश फिर जिंदा हो जाए बेटी आयुषी
मथुरा। नितेश यादव को अपनी बेटी आयुषी यादव की हत्या के बाद बड़ा पछतावा है। आयुषी के शव के पोस्टमार्टम के बाद राया पुलिस शव को अपने कब्जे में ले गई और शव का अंतिम संस्कार यमुनापार लक्ष्मीनगर में किया गया। हत्यारोपी पिता नितेश यादव ने अंतिम संस्कार किया। इस दौरान पिता की आंखों से आंसुओं की धारा बह रही थी। जुबान पर लड़खड़ाते हुए शब्द कह कर रहे थे कि जिस बेटी को इतने लाड प्यार से पाला उस बेटी की हत्या करने बाद उसे बहुत गहरा आघात लगा है। बता दें कि नितेश यादव ने अपनी बेटी आयुषी के लव मैरिज से नाराज़ होकर गुस्से में लाइसेंसी रिवॉल्वर से दो गोलियां मारकर उसकी हत्या कर दी थी। इसमें आयुषी की मां ब्रजवाला भी शामिल रही।इसके बाद दोनों ने आयुषी के शव को लाल रंग के ट्रॉली बैग में पैक करके अपनी कार से 18 नवंबर तड़के तीन बजे आगरा-दिल्ली हाईवे से वृंदावन होते हुए यमुना एक्सप्रेसवे पर पहुंचे।
कृषि अनुसंधान केंद्र के पास झाड़ियों में सुबह 6.50 पर ट्रॉली बैग को फेंकने के बाद एक्सप्रेसवे होकर वापस दिल्ली लौट गए। हत्यारोपी पिता नितेश ने बताया कि पूरे एक साल बेटी को समझाता रहा समाज में मेरी इज्जत मत उछालो, लेकिन बेटी अपनी जिद पर अड़ी रही। बेटी जवाब देती थी कि अब मैं बालिग हो गई हूं, खुद फैसला ले सकती हूं। पिता ने आगे बताया कि आखिरकार गुस्से में आकर जिन हाथों से बेटी का हाथ पीला करना था उन्हीं हाथों से बेटी की जान ले ली। आयुषी के शव को बांहों में लेकर कई घंटे तक पिता आंसू बहाता रहा। मां बाप ने आयुषी को बड़े लाड प्यार से पाला। आयुषी को इतना प्यार मिला कि वो उम्र के एक पड़ाव पर जाकर किसी और के प्यार के बंधन में बंध गई। इस बंधन को परिजनों ने नहीं स्वीकारा। मॉर्डन कल्चर को अपना कर बीसीए की पढ़ाई करने वाली आयुषी ने मंदिर में शादी कर ली थी।मां ने बहुत समझाया, लेकिन आयुषी नहीं मानी।
हत्यारोपी पिता नितेश आंसू बहाते हुए कहता रहा कि एक बार आयुषी फिर जिंदा होकर उसे पापा-पापा बोले। लगभग 11 घंटे बिताने के बाद नितेश ने ट्रॉली बैग में शव को पैक किया। अपने किए पर पश्चाताप कर रहे नितेश ने कई जगह कार रोकी और वह यह तय नहीं कर पाया कि किस स्थान पर शव को फेंका जाए। दिल्ली से वृंदावन हाईवे तक नितेश सोचता रहा कि शव को कहां फेंके। नितेश को यमुना एक्सप्रेसवे का किनारा समझ में आया और बेटी के शव को फेंक दिया। पूरे रास्ते मां की ममता आंसुओं में बहती रही। आयुषी का अंतिम संस्कार यमुनापार लक्ष्मीनगर पर किया गया। हत्यारोपी पिता नितेश यादव ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में आरोपी मां ब्रजबाला भी शामिल रही। पुलिस अभिरक्षा में हुए अंतिम संस्कार में भाई आयुष शामिल नहीं रहा। प्रभारी निरीक्षक ओमहरि वाजपेयी ने बताया कि आरोपी पिता ने अपनी मृत बेटी आयुषी को मुखाग्नि दी है। उस वक्त केवल ब्रजबाला ही मौजूद रही। भाई आयुष अपने रिश्तेदारों के पास चला गया। 11 वीं का छात्र होने के नाते उस पर किसी ने दबाव नहीं बनाया।