वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा- युवाओं को बर्बाद कर रहे ऑनलाइन गेम, 28 फीसदी टैक्स बिल्कुल सही
राजस्व समीक्षा की जानकारी के दौरान उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग को लेकर दो साल पहले रिपोर्ट दाखिल की थी। ऑनलाइन गेम की बढ़ती लत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता हैै कि आज 13 करोड़ लोग रोजाना इसे खेल रहे हैं। ऑनलाइन गेम युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहे हैं। नशे की लत की तरह लोग इसके आदी होते जा रहे हैं। कैसिनो और घुड़दौड़ पर दांव लगाना रईसों के शौक हैं। आज भी आटे पर पांच फीसदी और ऑनलाइन गेम पर तीन फीसदी टैक्स है जो अपने आप में हास्यास्पद है। अगर नशे और शौक पर 28 फीसदी टैक्स नहीं लगेगा तो किस पर लगेगा। पहले दिन से ही यूपी सरकार के इस स्टैंड का असर है कि 28 फीसदी टैक्स को हरी झंडी दे दी गई, जो अक्टूबर से प्रभावी होगा।
ये जानकारी वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने दी। राजस्व समीक्षा की जानकारी के दौरान उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग को लेकर दो साल पहले रिपोर्ट दाखिल की थी। ऑनलाइन गेम की बढ़ती लत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता हैै कि आज 13 करोड़ लोग रोजाना इसे खेल रहे हैं। इसके अलावा कैसिनो और घुड़सवार के शौकीन लगातार बढ़ रहे हैं। ये नशे की तरह हो गया है। उन्होंने कहा कि घुड़सवारी और कैसिनो रईसों के शौक हैं। फिर सवाल किया कि जुएं में लाखों हार सकते हैं तो 28 फीसदी टैक्स क्यों नहीं दे सकतेे।
जुएं से ज्यादा टैक्स आटे पर, इसे बदलना ही था…
वित्तमंत्री ने कहा कि आज आटे पर 5 फीसदी जीएसटी है जबकि गेमिंग और कैसिनों पर केवल 3 फीसदी टैक्स है। ये टैक्स जीजीआर (ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यू) के नाम से लिया जाता है। जिसकी गणना गेम या कैसिनो में हार-जीत के बाद बची रकम पर की जाती है। अब इसे प्रवेश के दौरान दिए जाने वाली फीस या टोकन (फेसवैल्यू) पर लगा दिया गया है।इसका विरोध गेमिंग लॉबी कर रही थी लेकिन प्रदेश सरकार की मजबूत पैरवी रंग लाई। उन्होेंने कहा कि इन खेलों में हमेशा खेलने वाला ही हारता है और खिलाने वाला मालामाल होता है।
जीतने वाले को आयकर अलग से देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल 28 फीसदी टैक्स का ये कहते हुए विरोध कर रहे हैं कि इसका असर ऑनलाइन गेमिंग में आने वाले विदेशी निवेश पर पड़ेगा वित्तमंत्री ने साफ कहा कि ये युवाओं के भविष्य का मामला हैै। विदेशी निवेश को इससे जोड़कर नहीं देखना चाहिए। 28 फीसदी टैक्स के बाद केन्द्र सरकार का आकलन है कि इससे करीब 20 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा, जो अभी महज 1700 करोड़ रुपये है।