नए आपराधिक कानूनों के तहत FIR हुई दर्ज, UP DGP प्रशांत कुमार ने बताई रेप, हत्या की नई धाराएं
लखनऊ। दशकों पुराने आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह अब तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए हैं। एक जुलाई 2024 से सभी तीनों कानूनों के तहत एफआईआर भी दर्ज की जा रही है। यूपी के बरेली और अमरोहा में नए कानूनों के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इन कानूनों को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के करीब 77 साल बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से ‘स्वदेशी’ हो रही है। उन्होंने कहा कि अब दंड की जगह न्याय होगा। वहीं यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि बिना किसी दिक्कत के प्रदेश के सभी थानों में नए कानून के तहत एफआईआर दर्ज की जा रही है।
यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 से लागू हो गए हैं। इन तीनों कानूनों को लागू करने के लिए पहले से ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने व्यापक तैयारियां कर रखी थी। प्रशांत कुमार ने बताया कि नए कानूनों को लेकर ट्रेनी, जरूरी खरीदारी और आवश्यक उपकरण की व्यवस्था कर ली थी। इसके साथ ही टेक्निकल विंग ने नेटवर्किंग, सभी थानों में जरूरी सॉफ्टवेयर और भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई चीजों के अनुरूप करा दी गई है।
नए कानून के बारे में दी जानकारी…
इसके साथ ही यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि मुझे ये बताने में खुशी हो रही है कि नए कानून के तहत 2 एफआईआर बरेली और अमरोहा में दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में बिना किसी दिक्कत के नए कानून के तहत एफआईआर दर्ज की जा रही है। आज के दिन सभी थानों में एक विशेष कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के जरिये थानाक्षेत्र के जनप्रतिनिधिगण, पुलिसकर्मी और क्षेत्र के सभ्रांत नागरिकों को बुलाकर फिर से इन सभी नए कानूनों के बारे में बताया जा रहा है।