पोते ने दादी की हत्या कर शिवलिंग पर बहाया खून, फिर खुद को भी मारा चाकू
छत्तीसगढ़ में अंधविश्वास का एक और मामला सामने आया है। यहां एक पोते ने अपनी दादी की हत्या कर उनके खून से शिवलिंग को नहला दिया। इसके बाद खुद को भी भगवान को अर्पित करने की कोशिश की। इस कोशिश में वह बेहोश हो गया और पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है। इससे पहले एक परिवार के सभी लोग सात दिन तक बिना कुछ खाए पिए जय गुरुदेव का जाप कर रहे थे। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी। दो बेहोश हो गए थे और दो की मानसिक हालत खराब हो गई थी।
मामला दुर्ग के नंदिनी थाना क्षेत्र का है। यहां शनिवार रात पोते ने धारदार हथियार से अपनी दादी की निर्मम हत्या कर दी। इसके बाद दादी के खून से शिवलिंग का अभिषेक कर इसके चारों ओर खून से लिपाई भी की। आरोपी ने उस लेप पर शिव शब्द भी लिखा। इसके बाद उसने खुद अपनी जान लेने की भी कोशिश की। मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस को आरोपी अपने घर के पास अचेत अवस्था में मिला। पुलिस ने आरोपी को अस्पताल में भर्ती कराया है और हत्या के कारणों की जांच में जुट गई है।
घर से लगा है शिव मंदिर…
बताया जा रहा है कि गुलशन के घर से लगा हुआ ही शिव मंदिर है। उसी मंदिर में गुलशन रोज पूजा करता और रहता था। आरोप है कि शनिवार देर शाम करीब 7 बजे गुलशन ने मंदिर में रखा त्रिशूल उठाया और उससे दादी के सिर पर वार कर दिया। इसके चलते रुक्मणि की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद गुलशन ने वहां पड़ा खून उठाया और उससे शिवलिंग का अभिषेक किया। फिर गर्भगृह को उसी खून से लीप दिया और ‘शिव यहीं हैं’ ऐसा कुछ लिखकर उसी त्रिशूल को अपने गले में मार लिया। स्थानीय लोगों ने दादी-पोते को खून से लथपथ देखा तो सूचना पुलिस को दी।
दादी का हाथ-पैर बांधा और फिर की हत्या…
गुलशन पहले से ही अपनी दादी की हत्या की साजिश रच चुका था। हत्या से पहले उसने दादी का हाथ-पैर कुर्सी से बांध दिए। इसके बाद त्रिशूल लाकर उससे हमला कर दिया। दादी की जब तक मौत नहीं हो गई वो वहीं खड़ा उसे तड़पता देखता रहा। आरोपी ने उसी त्रिशूल से अपनी जान लेने की भी कोशिश की। गले में गहरा वार करने से उसका खून अधिक बह गया और वह मंदिर में ही बेहोश होकर गिर गया। पुलिस ने उसे गंभीर हालत में नंदिनी अस्पताल भेजा। वहां से चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज कचांदुर रेफर किया गया है।