विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद होली मिलन के अवसर पर अखिलेश यादव से मिले गुलशन, छविनाथ और रानीगंज विधायक डॉ आर के वर्मा
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नेे दी होली की शुभकामनाएं और डॉ आर के वर्मा को प्रतापगढ़ लोकसभा चुनाव-2024 के लिए अभी से तैयारी करने के लिए दिया निर्देश
प्रतापगढ़। होली के त्यौहार पर लखनऊ पहुंचे सपा जिलाध्यक्ष छविनाथ यादव, कुंडा से सपा उम्मीदवार रहे गुलशन यादव और रानीगंज के विधायक डॉ आर के वर्मा ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीनों नेताओं से उनका कुशल क्षेम पूछा और होली की शुभकामनाएं दीं। बता दें विधानसभा के चुनाव में कुंडा से सपा उम्मीदवार रहे गुलशन यादव के समर्थन में अखिलेश यादव ने जनसभा भी की थी। परन्तु गुलशन यादव को कुंडा विधानसभा क्षेत्र में कड़े मुकाबले में राजा भइया से 30 हजार से अधिक मतों से पराजय का सामना करना पड़ा है। पराजय के बावजूद भी समाजवादी परिवार गुलशन यादव के प्रदर्शन से काफी खुश है। खुद अखिलेश यादव ने गुलशन यादव की तारीफ की और उन्हें बधाई दी। विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला अवसर है जब प्रतापगढ़ के तीन नेता एक साथ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलने लखनऊ पहुंचे थे।
समाजवादी पार्टी ने 26 मार्च, 2022 को सपा विधायक दल की बैठक बुलाई है। डॉ आर के वर्मा को समाजवादी पार्टी ने ऐन वक्त पर रानीगंज विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था। डॉ आर के वर्मा ने कड़े मुकाबले में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार धीरज ओझा को 26 सौ से अधिक मतों से पराजित कर रानीगंज सीट पर कब्जा जमाया है। प्रतापगढ़ सहित अन्य स्थानों पर जहाँ कुर्मी/पटेल/वर्मा मतदाताओं की अधिकता रही, वहाँ इस बार विधानसभा चुनाव में सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने नया प्रयोग कर सफलता अर्जित की है। प्रतापगढ़ जनपद में रानीगंज विधानसभा में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अधिक होने के कारण यहाँ पर कांग्रेस के जयसिंह यादव और उप चुनाव में एक बार समाजवादी पार्टी के टिकट से श्याद अली विधायक निर्वाचित हुए हैं।
रानीगंज और पूर्व में बीरापुर नाम से रही विधानसभा में ब्राह्मण विधायक ही निर्वाचित होते रहे। परन्तु इस बार रानीगंज से डॉ आर के वर्मा जो दो बार से विश्वनाथगंज विधानसभा से अपना दल एवं अपना दल एस के टिकट पर भाजपा के सहयोग से विधायक निर्वाचित होते रहे, परन्तु इस बार डॉ आर के वर्मा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी की साईकिल पर सवार हो गए और अखिलेश यादव ने उन्हें अंत में विश्वनाथगंज से टिकट न देकर रानीगंज विधानसभा के लिए टिकट दिया और उनका फार्मूला सफल भी रहा। जबकि बसपा के टिकट से वहाँ अजय यादव पिछड़ी जाति से एक उम्मीदवार पहले से चुनावी मैदान में डटा था। फिर भी समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव ने पिछड़ी जाति से डॉ आर के वर्मा को टिकट देकर नया प्रयोग किया। अपने प्रयोग में सफल अखिलेश यादव अब लोकसभा चुनाव-2024 के चुनाव के लिए अभी से उम्मीदवार तय कर दिए हैं। वह उम्मीदवार डॉ आर के वर्मा हैं।
जिस तरह भाजपा ने अपना दल एस से प्रतापगढ़ विधानसभा से विधायक रहते हुए संगम लाल गुप्ता को प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार बनाकर चुनाव लड़ाया और जीत जाने के बाद विधानसभा सदस्य पद से त्यागपत्र दे दिया, ठीक उसी फार्मूले पर सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव इस बार प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार रानीगंज के विधायक डॉ आर के वर्मा को बनाकर भाजपा का दाँव चलकर भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता की खटिया खड़ी करने की रणनीति अपनाने का निर्णय अभी से ले लिया है। सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र की पाँचों विधानसभाओं में लगभग डेढ़ लाख मतदाता हैं और उसके साथ मुस्लिम और यादव मतदाता को जोड़ दिया जाए तो प्रतापगढ़ से पटेल/वर्मा/कुर्मी उम्मीदवार सपा के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार साबित होगा। चूँकि विधानसभा चुनाव में यह तय हो गया कि यादव अपनी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को मतदान करती है और मुसलमान सिफ्टिंग मतदाता के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। जो उम्मीदवार भाजपा को शिकस्त देने की स्थिति में होता है, मुसलमान मतदाता उस उम्मीदवार को अपना मतदान करता है, परन्तु पटेल/वर्मा/कुर्मी का सिद्धांत सिर्फ और सिर्फ स्वजातीय उम्मीदवार को मतदान करना होता है। इसलिए प्रतापगढ़ से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में रानीगंज विधायक डॉ आर के वर्मा सबसे बेहतर उम्मीदवार साबित होंगे।