अमरनाथ आपदा में फंसे यूपी के सैकड़ों श्रद्धालु, हादसे के बाद परिजनों की अटकी सांसे
लखनऊ। बाबा अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से 13 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत, 40 लापता की खबर के बाद देश के कोने-कोने से गए श्रद्धालुओं के परिजनों में हाहाकार मच गया है। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटा है। जानकारी के अनुसार, इस घटना में 13 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। सैकड़ों लोग लापता हैं। एनडीआरफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमों द्वारा राहत बचाव कार्य जारी है। अमरनाथ में बादल फटने की घटना से उत्तर प्रदेश के कई जिलों से बाबा अमरनाथ के दर्शन करने गए श्रद्धालु वहां पर फंसे हुए है। अमरनाथ में कुछ ऐसे परिवार है जिनके परिजनों से संपर्क नही हो पा रहा है। संपर्क न होने से परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। अमरनाथ में लगातार एनडीआरएफ और सेना राहत बचाव कार्य में जुटी है। मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के कई जिलों से बाबा अमरनाथ के दर्शन करने के लिए हजारों श्रद्धालुओं का ग्रुप गया हुआ है।अमरनाथ दर्शन करने गए श्रद्धालुओं में इटावा जिले के पांच,कानपुर सात और झांसी के तीन लोगो के फंसे होने की है।हालांकि अभी संख्या के बारे में पता नहीं चल पाया है,लेकिन अमरनाथ बाबा के दर्शन करने जाने वालों की संख्या अधिक है।
बुलंदशहर जिले से बाबा अमरनाथ का दर्शन करने गए 50 से अधिक यात्री अभी अमरनाथ यात्रा में फंसे हुए हैं। लगभग 150 श्रद्धालुओं के तीन अलग-अलग ग्रुप बाबा अमरनाथ के दर्शन करने के लिए गए थे। 100 श्रदालुओं ने बृहस्पतिवार तक बाबा के दर्शन कर लिए थे। बाकी 50 श्रद्धालु यात्रा पर है। इटावा में दो जून को 66 श्रद्धालुओं का ग्रुप अमरनाथ गया था। इस ग्रुप के पांच लोग ऊपर फंसे हुए हैं। बादल फटने की जानकारी मिलने के बाद इनका परिवार परेशान हैं। दर्शनार्थियों को ले जाने वाले अमरनाथ बर्फानी सेवा मंडल के अध्यक्ष ओमरतन कश्यप ने बताया कि वो 66 श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था लेकर यहां से रवाना हुए थें। 61 श्रद्धालु दर्शन करके शुक्रवार की सुबह बालटाल पहुंच गये हैं, जबकि पांच श्रद्धालु भाजपा नेता गजेंद्र मिश्रा, उनकी पत्नी सुप्रिया मिश्रा, लखना के रहने वाले बीनू दुबे, शहर के रामचंद्र और सुशीला देवी ऊपर ही फंसे हैं। उन्होंने बताया कि घबराने की जरूरत नहीं हैं, ये पांचों लोग सुरक्षित हैं। कानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा का कहना है कि घटना के बाद जिन परिवारों का संपर्क उनके परिजनों से नहीं हो पा रहा है, उनसे बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं। अभी तक झांसी, कानपुर, इटावा और आस-पास के जिलों से कुछ मामले आए हैं। बाकी दर्शन के लिए गए लोग सुरक्षित हैं।