सपा मुखिया अखिलेश यादव उम्मीदवारी तय करने में ही फेल हो रहे तो चुनाव की गुणा गणित को कैसे करेंगे हल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव उम्मीदवारी को लेकर असहज दिख रहे हैं। सपा अपने ही गढ़ में उमीदवार तय करने में पसीना भा रही है। पर मचा घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मुरादाबाद संसदीय सीट पर तो सपा से दो प्रत्याशियों ने नामांकन तक कर दिया। उम्मीदवारों में तनाव बढ़ता ही जा रहा है और उम्मीदवारों के समर्थक भी सपा मुखिया के कार्य प्रणाली से नाराज होते दिख रहे हैं।
एक ही संसदीय सीट से दो-दो उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी का दावा करेंगे और नामांकन तक कर देंगे तो आपस में ही मुड़ फुटौव्वल की होगी, स्थिति
जाहिर सी बात है, यदि एक ही संसदीय सीट से दो-दो उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी का दावा करेंगे और नामांकन तक कर देंगे तो आपस में ही मुड़ फुटौव्वल की स्थिति होगी और पार्टी बिना चुनाव लड़े ही चुनाव हार जायेगी। मुरादाबाद संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव बेहद रोचक नजर आ रहा है। मुरादाबाद समाजवादी पार्टी का गढ़ है। अपने ही गढ़ में सपा को आपसी कलह का सामना करना पड़ रहा है। मुरादाबाद लोकसभा से सपा के दो प्रत्याशियों ने नामांकन कर दिया है। मुरादाबाद के मौजूदा सांसद एसटी हसन ने मंगलवार को अपना नामांकन किया। वहीं बिजनौर की पूर्व विधायक रुचि वीरा ने खुद को सपा प्रत्याशी बताते हुए बुधवार को नामांकन कर दिया है। रुचिवीरा ने बताया कि पार्टी हाईकमान से उन्हें हरी झंडी मिल गई है।
बता दें सपा ने रविवार को मुरादाबाद से मौजूदा सांसद डॉ. एसटी हसन को प्रत्याशी बनाया था। उसी दिन डाॅ. एसटी हसन की सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात भी हुई थी। टिकट के अन्य दावेदार कांठ विधायक कमाल अख्तर और मुरादाबाद देहात के विधायक नासिर कुरैशी ने वीडियो जारी कर इसकी जानकारी भी दी थी। उस दिन रात को मुरादाबाद आने पर डॉ. हसन का स्वागत किया गया। डाॅ.हसन ने मंगलवार को सपा और कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में नामांकन किया। इसके बाद यह चर्चा आम हुई कि सांसद डाॅ. हसन का टिकट काटा जा रहा है। मंगलवार शाम को रुचि वीरा ने भी खुद के प्रत्याशी होने का दावा किया। सपा के कई पदाधिकारी भी नाम न छापने की शर्त पर इसे सही बताने लगे।
सपा में उम्मीदवारी को लेकर महासंग्राम शुरू जो खत्म होने का नहीं ले रहा है, नाम
मुरादाबाद से मौजूदा सांसद एसटी हसन को अपने नामांकन के बाद अपनी उम्मीदवारी वापस लेनी पड़ी है। आजम खान ने अखिलेश पर मुरादाबाद से एसटी हसन को हटाकर रुचि वीरा को टिकट देने का दबाव बनाया था। अखिलेश यादव ज्यादा देर तक आजम खान का दबाव नहीं झेल पाए. मंगलवार रात होते-होते उन्होंने एसटी हसन का टिकट काट दिया। आजम खान की चहेती पूर्व विधायक रुचि वीरा को मुरादाबाद से लोकसभा का टिकट दे दिया। वहीं हाल आजमखान के रामपुर में देखने को मिल रहा है। अभी रामपुर और मुरादाबाद का मामला हल नहीं हो पाया था कि सुल्तानपुर संसदीय सीट पर भी उम्मीदवारी को लेकर रार शुरू हो गई है। सपा में उम्मीदवारी को लेकर महासंग्राम शुरू जो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
अखिलेश यादव शुक्रवार को कन्नौज, देवरिया और प्रयागराज लोक सभा टिकट को लेकर बैठक करेंगे। कन्नौज, देवरिया और प्रयागराज के पार्टी पदाधिकारी को बैठक करने के लिए बुलाया गया है। माना जा रहा है कि पार्टी सुल्तानपुर लोकसभा सीट से मौजूदा प्रत्याशी भीम निषाद का टिकट काटकर किसी और को सुल्तानपुर से चुनाव मैदान में उतर सकती है। वहीं रामपुर लोकसभा सीट की बात करें तो यहां आजम खान का बेहद करीबी असीम राजा का नॉमिनेशन जिला चुनाव आयुक्त ने खारिज कर दिया है। आजम खान के लिए यह बड़ा झटका है, क्योंकि मौलाना एम नदवी को अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार बना दिया था। ऐसे में कह सकते हैं कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच लोकसभा सीट के टिकट बंटवारे को लेकर असमंजस बरकरार है।