प्रतापगढ़ में घटिया निर्माण सामग्री से निर्मित प्राथमिक विद्यालय की बाउंड़ी का गेट गिरने से चपेट में आयी छात्रा की मौत, अन्य छात्र घायल
प्रतापगढ़। कुंडा कोतवाली के बानेमऊ प्राथमिक विद्यालय में आज स्कूल का गेट खुलते ही बड़ी घटना घटित हो गई। प्राइमरी विद्यालय के गेट गिरने से मासूम छात्रा की मौत हो गई, जिससे अन्य बच्चों में अफरातफरी मच गई। प्राइमरी के अध्यापकों में अपने कर्तब्यों के प्रति जरा सी भी संवेदनशीलता नहीं रह गई है। सुबह के समय अध्यापक स्कूल नहीं पहुंचते। कभी रसोइयाँ पहुंचकर स्कूल का ताला खोलता है तो कभी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राओं को ही गेट का ताला खोलना पड़ता है। स्कूल के अध्यापकों की गैर मौजूदगी में स्कूल पहुँचे छात्र एवं छात्राएं बाउंड्री वॉल पर बने गेट को पकड़कर झूला झूलने लगे।
स्कूल की बाउंड्रीवाल की बाउंड्री का इतना घटिया निर्माण हुआ था कि बाउंड्रीवाल के साथ लगा गेट पूरी बाउंड्रीवाल सहित गेट बच्चों पर आ गिरा, जिससे 8 वर्षीय मासूम छात्रा की गेट और बाउंड्री वॉल के नीचे दबने से दर्दनाक मौत हो गई। ताज्जुब करने वाली बात यह है कि आठ वर्षीय छात्रा के वजन को स्कूल का गेट व बाउंड्रीवाल नहीं उठा सकी। इससे तय हो गया कि बहुत घटिया निर्माण सामग्री से स्कूल की बाउंड्रीवाल और गेट का निर्माण कराया गया था, जिससे इतना दुखद हादसा हुआ। प्रतापगढ़ में अधिकारियों की लापरवाही इस कदर हावी है कि प्राइमरी स्कूल के शिक्षक समय पर सकूल नहीं आते हैं। अब तक किसी भी जिम्मेदार पर कोई कार्यवाही नहीं। आखिर स्कूल के छात्रा की मौत की जिम्मेवारी किसी न किसी को तो लेनी ही पड़ेगी।
कुंडा कोतवाली क्षेत्र के बानेमऊ प्राथमिक विद्यालय में बड़ा हादसा हुआ है। स्कूल का गेट व बाउंड्रीवाल गिरने से एक छात्रा की मौत हो गई और दो की हालत गम्भीर बताई जा रही है। हादसे के बाद इलाके में हड़कम्प मच गया है। स्थानीय लोगों ने घायलों को सीएचसी पहुँचाया, जहां एक छात्रा को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है। स्कूल के छात्र गुरु जी के आने के इंतजार में गेट पकड़ के लटकर झूला झूल रहे थे। इसी बीच गुरु जी तो नहीं पहुँच सके, लेकिन छात्रा की मौत उस तक पहुँच गई। स्कूलों में शिक्षकों का लेट आना आम बात हो चुकी है। अधिकांश स्कूलों में तो स्कूल के गेट का ताला स्कूल के बच्चे या रसोइयां ही खोलते हैं। यही नहीं स्कूल बंद होते ही बच्चों के साथ अध्यापक भी स्कूल बंद कराकर निकल लेते हैं,ताकि स्कूल के गेट की छभी किसी स्कूल के बच्चे को दी जा सके और दूसरे दिन स्कूल आने से पहले स्कूल के बच्चे स्कूल का गेट खोलकर उनका कार्य आसान किये रहें।