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पुलिस और पशु तस्करों में हुई मुठभेड़ में दोनों बदमाशों के पैर में लगी गोली

पडरौना/तमकुहीराज। बिहार बाॅर्डर से होने वाली पशु तस्करी थम नहीं रही है। कई जिलों में पुलिस के सुरक्षा किले को भेदकर पशु तस्कर आसानी से कुशीनगर जिले में पहुंच जा रहे हैं। मंगलवार की भोर में बहादुरपुर पुलिस चौकी के पास बाइक सवार दो पशु तस्करों से पुलिस की आमने-सामने की मुठभेड़ हुई। दोनों तस्करों के पैरों में गोली लगी। उनको गिरफ्तार करके पुलिस कार्रवाई में जुटी है। एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि सूचना के आधार पर तरयासुजान थानाध्यक्ष आरके सिंह, खड्डा एसएचओ अमित शर्मा, पडरौना सदर कोतवाल राजप्रकाश सिंह, जटहां बाजार राजुकमार बरवार, स्वाॅट प्रभारी सुशील कुमार शुक्ला की टीम के साथ बिहार सीमा से सटे बहादुरपुर पुलिस चौकी के समीप वाहनों की जांच कर रहे थे। इसी दौरान एक बाइक पर सवार दो लोग आते दिखाई दिए।

पुलिस टीम ने जब उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस टीम ने खुद को बचाते हुए दोनों के पैरों में गोली मारकर काबू किया। इसके बाद पुलिस उनको सीएचसी तमकुहीराज ले गई, जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार कर संयुक्त जिला अस्पताल रेफर कर दिया। पूछताछ में आरोपियों की पहचान आरोपी पडरौना कोतवाली निवासी बसैया बनबीरपुर जंगल निवासी शेरू उर्फ़ हसनात अली और इसी गांव के निवासी मुशर्रफ के रूप में हुई। शेरू उर्फ हसनात के दाहिने और मुशर्रफ के बाएं पैर में गोली लगी है। दोनों के खिलाफ कसया थाने में पशु तस्करी का मुकदमा दर्ज था। इस मामले में पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। बदमाशों के पास से पुलिस ने एक बाइक, दो तमंचा, दो मोबाइल और दो कारतूस सहित अन्य सामान बरामद हुआ है।

पडरौना। अंतरराज्यीय स्तर पर पशुओं की तस्करी करने वाले धंधेबाजों के लिए जिले का राष्ट्रीय राजमार्ग सुरक्षित साबित हो रहा है। वहीं, जिले के गोवंश भी खतरे में हैं। पशु तस्कर उत्तर प्रदेश के पश्चिमी छोर मुज्जफरनगर, शामली, रामपुर सहित जगहों से निकलकर पूरब में स्थित बिहार और बंगाल की खाड़ी तक पहुंचकर अपने मंसूबों में कामयाब हो रहे हैं। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गिरफ्तारी, मुठभेड़ और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई तो खूब हुई है लेकिन इनकी जड़ों का खात्मा नहीं होने की वजह से इस धंधे पर लगाम नहीं लग सकी है। उत्तर प्रदेश के कई इलाकों से पिकअप पर पशुओं को लादकर पश्चिम बंगाल और फिर बांग्लादेश तक भेजने के धंधे में संगठित गिरोह व इससे जुड़ा नेटवर्क काम कर रहा है।

कभी-कभी पकड़े जाते हैं पशु तस्कर…

पशु तस्करों की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि वे बंगाल तक प्रतिदिन ट्रकों पर तस्करी करते हैं। लेकिन कभी-कभार ही इनके पकड़े जाने का मामला सामने आता है। ऐसा होने से एक तरफ पशु तस्करी की वजह से पशु कम हो रहे हैं, तो दूसरी तरफ बेखौफ पशु तस्कर और माफिया धड़ल्ले से बेशकीमती पशुओं को एक जगह से दूसरी जगह भेज रहे हैं। आलम ये है कि कुशीनगर में हर महीने ऐसे तस्करों का पुलिसिया तंत्र से सामना होता तो हैं, लेकिन इनकी जड़ खत्म न होने से ये फिर पनप जाते हैं। हर साल पशु तस्करी के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। यही नहीं पशु तस्कर इसके लिए बाकायदा योजना बनाते हैं। पुलिस को भनक नहीं लगती है। कहीं से मुखबिरी मिली तो ठीक वरना तस्कर अपने लक्ष्य में कामयाब हो जाते हैं। जबकि पुलिस अधिकारी एफआईआर दर्ज करने तक की कागजी कार्रवाई तक सीमित हैं।

भौगोलिक स्थिति का मिलता है फायदा, हाईवे देता है गति…

इस साल अभी तक पुलिस मुठभेड़ के बाद पकड़े गए तस्करों में अधिकतर पश्चिम क्षेत्र के हैं। मुजफ्फरनगर हो या रामपुर, शामली हो या सलेमपुर यहां तक सूबे की राजधानी के भी तस्कर पकड़े गए हैं। जनवरी 2022 से मई 2023 तक की बात करें तो अबतक कुल 1145 गोवंश तस्करों के मकड़जाल से मुक्त कराए गए हैं। इनमें अबतक पुलिस से अपराधियों के साथ कुल 31 मुठभेड़ हुए। वहीं, यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत कुल चार करोड़ से अधिक संपत्ति को जब्त किया गया है।

पुलिसिया सफलता में ही असफलता के राज…

यूं तो कुशीनगर पुलिस पशु तस्करों पर कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपा लेती है। किसी मुठभेड़ में गोवंश के मुक्त होने की बात हो या गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की बात हो। सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियां बटोरी जाती हैं, लेकिन अगर पिछले चार माह में पुलिस की सफलता देखी जाए तो इनकी असफलता से पर्दा उठ सकता हैं। दरअसल, गोरखपुर जिले के बाद कुशीनगर से जुड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो दर्जन से अधिक चौकियां और थाने हैं। फिर भी पशु तस्कर आसानी से बाॅर्डर तक पहुंच जा रहे हैं।

अगर सक्रियता इतनी तो आखिर अंतिम छोर पर ही क्यों पकड़े जाते हैं तस्कर…

13 मई 2023 को हाईवे स्थित कई चौकियों और थानों को तस्कर लगभग पार कर ही गए थे कि जैसे-तैसे तमकुहीराज थाना क्षेत्र में लतवाचट्टी स्थित नहर के पास सुबह पशु तस्करों और पुलिस में मुठभेड़ हो गई। गोली लगने से दो तस्कर घायल हो गए थे। ये रामपुर जिले से तस्करी कर पशुओं को बिहार ले जा रहे थे। 12 अप्रैल 2023 को पटहेरवा थाना क्षेत्र के गाजीपुर कट फाजिलनगर के पास पशु तस्करों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी। यहां भी मुजफ्फरनगर के रास्ते कुशीनगर सीमा के कई चौकियों को पार करके तस्कर अंतिम छोर तक पहुंच गए थे। अगर सक्रियता होती तो गोरखपुर सीमा के पहले थाने में ही इन्हें पकड़ा जाना चाहिए था। पशु तस्करी के मुकदमों में फरार दो आरोपियों की काफी दिनों से तलाश चल रही थी। चेकिंग में पुलिस ने उनको रोका तो वह गोली चलाकर भागने लगे। अपनी सुरक्षा करते हुए पुलिस ने गोली चलाई तो दोनों घायल हो गए। पशु तस्करों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।

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