खुफिया एजेंसियों की संभल हिंसा पर पैनी नजर, हिंसा प्रभावित क्षेत्र आतंकियों का रह चुका है गढ़
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल के कई लोग पहले से ही खुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं।संभल में कल रविवार को हुई हिंसा के बाद खुफिया एजेंसियां यहां पैनी नजर रख रही हैं।क्योंकि संभल का दीपा सराय इलाका आतंकी संगठन अल कायदा इंडिया के आतंकियों का गढ़ रहा है।अल कायदा के चीफ अयमान अल जवाहिरी ने 2014 में वीडियो जारी कर जिस सनाउल हक उर्फ मौलाना असीम उमर को अल कायदा इंडिया (AQIS) का चीफ बनाया था वो संभल का ही रहने वाला था।साथ ही उमर का कनेक्शन दीपा सराय इलाके से जुड़ा था।हालांकि सनाउल हक उर्फ मौलाना असीम उमर को अफगानिस्तान में 2019 में अमेरिकी एजेंसियों और अफगानिस्तान फोर्स के ज्वाइंट ऑपरेशन में मार दिया गया था।संभल के दीपा सराय में जहां दंगे हुए वहां से AQIS के कई आतंकियों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था।
बता दें कि आसिफ पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर भारत आया था और संभल में स्लीपर सेल का नेटवर्क तैयार कर रहा था।जब सेंट्रल एजेंसियों के इनपुट पर स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया तो कोर्ट ने 2016 में आसिफ को सजा सुनाई थी।वहीं संभल का ही रहने वाला अलकायदा का आतंकी शर्जील फरार चल रहा है। शर्जील इंडियन एजेंसी का मोस्ट वांटेड आतंकी है। दावा किया जाता है कि शर्जील इस समय पाकिस्तान में रह रहा है।इसके अलावा अल कायदा का आतंकी जफर उर्फ गुड्डू भी संभल के दीपा सराय का रहने वाला है। 2016 में कोर्ट ने आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने पर जफर को सजा सुनाई थी।
बता दें कि जिला अदालत के आदेश के बाद रविवार को संभल की शाही जामा मस्जिद के अंदर सर्वे का काम चल रहा था। सर्वे के दौरान अचानक भारी संख्या में लोग मस्जिद के बाहर इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करने लगे।इसके बाद पुलिस की टीम पर पथराव शुरू कर वाहनों में आग लगा दी. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और लाठियों का इस्तेमाल किया।इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने हिंसा मामले में एक्शन लेना शुरू कर दिया है।
उपद्रवियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने रविवार को रात भर छापेमारी की।साथ ही पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे सोहेल इकबाल पर एफआईआर दर्ज किया है।सपा सांसद पर आरोप है कि उन्होंने सुनियोजित तरीके से इस हिंसा को भड़काया।इसके लिए सपा सांसद ने मस्जिद के बाहर भीड़ को इकट्ठा किया और फिर उसे उकसाया, जिसके बाद इतने बड़े स्तर पर हिंसा हुई।हिंसा के बाद संभल में जिला प्रशासन ने बाहरी लोगों की एंट्री पर एक दिसंबर तक रोक लगा दिया है।