आईये जानें कितनी ऊंची कांवड़ पर रहेगी छूट, यात्रा में निकलने से पहले क्या रखना है, अनिवार्य
15 दिन चलेगा कांवड़ मेला, शिवभक्तों की सूची की जाएगी साझा, कमांडो और सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी…
लखनऊ। देवाधिदेव महादेव का सबसे प्रिय महीना सावन की 14 जुलाई से शुरुआत हो जाएगी। इसी के साथ महादेव को प्रसन्न करने के लिए हर साल की तरह इस दिन से कांवड़ यात्रा का भी शुरु होती है। हिंदू धर्म में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है। इस दिन लाखों श्रद्धालु गंगा से जल भरकर शिव मंदिर पहुंचते हैं और महादेव की कृपा पाने के लिए उस जल से रुद्राभिषेक करते हैं। कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार की ओर से तैयारियां तेज हो गई है। इस बार रिकॉर्ड कांवड़िये आने की संभावना को देखते हुए सरकारों ने पुख्ता इंतजाम करने के साथ ही सख्ती भी बढ़ा दी है। ऐसे में दोनों सरकारों ने ये निर्णय लिया है कि सात फीट से ऊंची कांवड़ पर रोक रहेगी और कांवड़िये अपनी आईडी साथ लेकर आएंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कांवड़ यात्रा को लेकर खास इंतजाम किया हैं। हर बार की तरह ही इस बार भी मेरठ में कांवड़ यात्रा की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कांवड़ियों पर इस बार कमांडो और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए मेरठ जिले की सीमा में कांवड़ यात्रा मार्ग पर 300 सीसीटीवी कैमरों को लगाया जाएगा। वहीं ड्रोन से भी पूरे कांवड़ मार्ग पर नजर रखी जाएगी। खुफिया विभाग को सर्तक कर दिया है। कांवड़ से संबंधित प्रतिदिन की तैयारियों की रिपोर्ट ली जा रही है। 15 दिनों तक चलने वाले कांवड़ मेले को लेकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से लगातार बैठकों का दौर जारी है। कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस की ओर से ट्रैफिक रूट प्लान जारी हो चुका है। जिसे 14 जुलाई से लागू कर दिया जाएगा। इस बीच पुलिस और अब शासन प्रशासन स्तर की बैठकें आयोजित हो रही है।
कांवड़ यात्रा को लेकर बुधवार को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की डामकोठी में बैठक भी हुई। बैठक में अधिकारियों ने अपने-अपने सुझाव दिए। बैठक में दूसरे जिले से हरिद्वार आने वाले शिवभक्तों की सूची बनाने और आपस में साझा करने पर सहमति बनी। सात फीट से ऊंची कांवड़ पर रोक और कांवड़िये को अपनी आईडी साथ लेकर आने के लिए कहा गया। गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार की अध्यक्षता में सीमावर्ती जिले सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और बिजनौर के जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में कहा गया कि सीमावर्ती जनपद के अधिकारी हरिद्वार की ओर प्रस्थान करने वाले कांवड़ियों की सूची सभी जिले जरूर तैयार करें। सूची को सभी सीमावर्ती जिलों के साथ साझा करें।
बैठक में सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण को लेकर चर्चा हुई। कांवड़ की ऊंचाई को अधिक से अधिक सात फीट तक रखने पर जोर दिया गया, जिससे यात्रा में परेशानी न हो। हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडेय ने बताया कि 14 जुलाई से 27 जुलाई तक कांवड़ मेला चलेगा। इसके साथ ही जुगाड़ वाहनों पर पूरी तरह से रोक लगाने को कहा गया है। एसएसपी हरिद्वार डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यात्रा पर आने वाले कांवड़िये अपने साथ कोई न कोई पहचान पत्र अवश्य लेकर चलें। रोड साइड के सभी दुकानदार अपनी असली आईडी जरूर रखें। उत्तराखंड सरकार को इस बार करीब 4 करोड़ कांवड़िये आने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हर कांवड़िये से प्रदेश में आकर एक एक पौधा रोपने की मांग की है। उन्होंने बाबा भोलेनाथ के हर भक्त से पर्यावरण संरक्षण की अपील की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह इस बार चारधाम यात्रा का रिकॉर्ड टूटा है, उसी तरह इस बार कांवड़ यात्रा का भी रिकॉर्ड टूटेगा।