हत्या व जानलेवा हमले में सात दोषियों को आजीवन कारावास, नौ साल पहले घर में घुसकर पिता-पुत्र पर किया था हमला
लखीमपुर। बलवा, हत्या व जानलेवा हमला के मुक़दमे में आरोप सिद्ध हो जाने पर एडीजे अनिल कुमार ने सात दोषी अभियुक्तों को आजीवन कारावास व प्रत्येक को 30500-30500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमा पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी व विशेष लोक अभियोजक रमेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि थाना निघासन क्षेत्र के गदियाना में 22 जुलाई 2014 को दिन में तीन अभियुक्त मजहर, अजहर, कमाल, सद्दीक, हैदर, अमजद व बंगाली उर्फ वारिस हाथों में लाठी, डंडे, असलहा, कुल्हाड़ी व बांका लेकर गांव में वादी मुकदमा हसरत अली के घर में घुस गए और घर में बैठे हसरत अली व उसके पिता सगीर को लाठी, डंडों और बांके से मारने लगे। दोनों को खींचकर घर के बाहर ले आए।
सातों लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा…
प्राणघातक हमला किया, जिससे वादी हसरत व उसका पिता सगीर घायल अवस्था में बेहोश होकर गिर गए। अभियुक्तगण जानमाल की धमकी देते हुए चले गए। वादी हसरत की तहरीर पर सातों लोगों के विरुद्ध थाना निघासन में मुकदमा दर्ज हुआ। विवेचना के दौरान घायल सगीर की मौत हो गई।
हत्या के आरोप में तरमीम हुआ था मुकदमा…
मुकदमा हत्या के आरोप में तरमीम हुआ। सातों अभियुक्तों के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल हुआ। मुकदमा एडीजे की अदालत में परीक्षण किया गया। अभियोजन पक्ष ने मुकदमे के समर्थन में वादी हसरत समेत 13 गवाह पेश किए व 17 अभिलेखीय सबूत दाखिल किए। आरोप सिद्ध हो जाने पर एडीजे अनिल कुमार ने सातों अभियुक्त मजहर,अजहर, कमाल, सद्दीक, हैदर, अमजद व बंगाली उर्फ वारिस को आजीवन कारावास व 30500- 30500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।