Loksabha_Election_2024: आईये जाने फतेहपुर लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास, वहां का जातिगत समीकरण और चुनावी आंकड़ों की गुणा-गणित
फतेहपुरः फतेहपुर जिला प्रयागराज मंडल में आता है। कभी यह सीट भी हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार किया जाता था। फतेहपुर सीट से देश के पूर्व पीएम विश्वनाथ प्रताप सिंह भी चुनाव लड़ चुके हैं। प्रधानमंत्री बनने के दौरान विश्वनाथ प्रताप सिंह इसी सीट से लोकसभा सांसद चुने गए थे। यही नहीं एक अन्य पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे भी 2 बार इस सीट से सांसद चुने गए हैं। यह जिला गंगा और यमुना दोआब के पूर्वी या निचले हिस्से में बसा हुआ है। यह शहर कानपुर नगर, प्रयागराज, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ जिले से घिरा हुआ है। जबकि दक्षिण क्षेत्र में यमुना नदी इस शहर को बांदा और हमीरपुर जिलों से अलग करती है।
फतेहपुर लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास
फतेहपुर लोकसभा सीट एक खास वजह से जानी जाती है। यह सीट राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस को पटखनी देने वाले वीपी सिंह के नाम से जानी जाती है। विश्वनाथ प्रताप सिंह साल- 1989 में इसी सीट से चुनाव जीते थे। इस लोकसभा सीट पर अब तक 16 बार चुनाव हुए हैं। पहली बार इस सीट पर साल- 1957 में लोकसभा चुनाव हुआ। इस चुनाव में कांग्रेस के अंसार हरवानी चुनाव जीतकर सांसद बने। साल- 1962 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर गौरी शंकर कक्कर सांसद चुने गए।
वहीं साल- 1967 में काग्रेस ने फिर इस सीट पर वापसी की और संत बक्श सिंह सांसद बने। साल- 1971 के चुनाव में भी संत बक्श ही सांसद बने, लेकिन साल- 1977 के चुनाव में भारतीय लोकदल से बशीर अहमद ने कांग्रेस को चुनाव हराया। वहीं साल- 1978 में हुए उप चुनाव में जनता पार्टी के लियाकत हुसैन यहां से सांसद बने, लेकिन साल- 1980 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस ने फिर इस सीट पर वापसी की और यहां से हरि किशन शास्त्री सांसद बने।
हरि किशन शास्त्री साल- 1984 में भी चुनाव जीते, लेकिन साल- 1989 में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े वीपी सिंह ने यहां से चुनाव जीता। वीपी सिंह साल- 1991 में भी यहां से सांसद चुने गए। साल- 1996 में बसपा से विशंभर प्रसाद निषाद ने जीत हासिल की। साल- 1998 में चुनाव में बीजेपी के अशोक कुमार पटेल यहां से चुनाव जीते। अशोक कुमार पटेल साल- 1999 में यहां से सांसद रहे।
साल- 2004 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के महेंद्र प्रसाद निषाद यहां से सांसद चुने गए। साल- 2009 में समाजवादी पार्टी के राकेश सचान सांसद और साल- 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की निरंजन ज्योति यहां की सांसद चुनी गईं और मोदी सरकार में मंत्री बनीं। बीजेपी की ओर से साल- 2019 में साध्वी निरंजन ज्योति प्रत्याशी बनी और दूसरी बार लगातार चुनाव जीती और मोदी सरकार में मंत्री बनी। तीसरी बार भाजपा ने उन पर दांव लगाया है।
लोकसभा सीट फतेहपुर में 5 विधानसभाएं
फतेहपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें फतेहपुर, जहानाबाद, बिन्दकी, अयाह शाह, खागा और हुसैनगंज विधानसभा सीट शामिल हैं, जिसमें से खागा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। साल- 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से 5 सीटों पर बीजेपी और जहानाबाद सीट पर अपना दल (एस) का कब्जा है। सपा और कांग्रेस ने गठबंधन कर के चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। वहीं बसपा को भी इस यहां एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली।
लोकसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या
लोकसभा चुनाव में फतेहपुर सीट पर कुल 18 लाख, 20 हजार, 435 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या- 9 लाख, 87 हजार, 450 है, जबकि महिला वोटरों की संख्या- 8 लाख, 32 हजार, 925 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या- 60 है।
साल- 2004 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में बसपा के महेंद्र प्रसाद निषाद यहां से सांसद बने। निषाद को कुल 1 लाख, 63 हजार, 568 वोट मिले। दूसरे नंबर पर सपा के अचल सिंह रहे, जिन्हें 1 लाख, 11 हजार वोट मिले। तीसरे नंबर पर बीजेपी के अशोक पटेल रहे, जिन्हें 1 लाख, 1 हजार, 484 वोट मिले।
साल- 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी राकेश सचान यहां से सांसद बने। राकेश को कुल 2 लाख, 18 हजार, 953 वोट मिले। दूसरे नंबर पर बसपा के महेंद्र प्रसाद निषाद रहे, जिन्हें कुल 1 लाख, 66 हजार, 725 वोट मिले।तीसरे नंबर पर बीजेपी के राधेश्याम गुप्ता रहे, जिन्हें 1लाख, 15 हजार, 712 वोट मिले।
साल- 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी साध्वी निरंजन की ज्योति ने यहां से चुनाव जीता और संसद पहुंचीं। निरंजन ज्योति को कुल 4 लाख, 85 हजार, 994 वोट मिले थे। वहीं दूसरे नंबर पर बसपा के अफजल सिद्दकी थे, जिन्हें 2 लाख, 98 हजार, 788 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर सपा के राकेश सचान रहे, जिन्हें 1 लाख, 79 हजार, 724 वोट मिले।
साल- 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2019 के लोकसभा चुनाव में फतेहपुर संसदीय सीट पर एकतरफा मुकाबला हुआ था। बीजेपी की ओर से प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति थीं, जबकि बसपा ने सुखदेव प्रसाद वर्मा को मैदान में उतारा था। बसपा और सपा के बीच गठबंधन था। एक तरफा मुकाबले में निरंजन ज्योति ने 5 लाख, 66 हजार, 40 वोट हासिल किए तो बसपा के सुखदेव प्रसाद को 3 लाख, 67 हजार, 835 वोट आए। निरंजन ज्योति ने सुखदेव को 1 लाख, 98 हजार, 205 मतों के अंतर से हरा दिया। तीसरे नम्बर पर कांग्रेस के उम्मीदवार राकेश सचान रहे, उन्हें 66 हजार 77 मत मिले थे।
लोकसभा सीट फतेहपुर का जातीय समीकरण
फतेहपुर लोकसभा सीट पर कुर्मी, निषाद और ब्राम्हण की बाहुल्यता है। यहाँ करीब 4 लाख एससी, 3 लाख क्षत्रिय, ढाई लाख ब्राह्मण, 2 लाख निषाद (केवट), डेढ़ लाख मुस्लिम, एक लाख 20 हज़ार वैश्य व एक लाख 10 हज़ार यादव के अलावा अन्य जाति के मतदाता हैं। भाजपा को ब्राम्हण, क्षत्रिय, वैश्य, निषाद और अन्य पिछड़ी जातियों का साथ मिलता रहा है। इससे भाजपा को लीड मिलती रही है। लेकिन इस बार सपा प्रत्याशी नरेश उत्तम जहानाबाद के ही हैं। उनका स्थानीय असर दिखेगा। कुर्मी बिरादरी एकजुटता के साथ बढ़ेगी। वहीं यादव और मुस्लिम का साथ उन्हें मजबूत बनाएगा। अन्य जातियां को साथ मिला, तो सपा मजबूती से आगे बढ़ेगी, लेकिन डॉ. मनीष सचान राह की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। उन्हें बसपा के साथ अपने बिरादरी का वोट का भरोसा है। ऐसे में सीधा नुकसान सपा को होगा।