Loksabha Election 2024: गाजियाबाद संसदीय सीट का चुनावी इतिहास और जातीय समीकरण के साथ उम्मीदवारों की स्थिति
Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक गाजियाबाद लोकसभा सीट है। साल- 2008 में हुए परिसीमन के बाद गाजियाबाद लोकसभा सीट अस्तित्व में आई थी। उससे पहले गाजियबाद का यह क्षेत्र हापुड़ लोकसभा सीट के अंतर्गत आता था। साल- 2009 में गाजियाबाद लोकसभा सीट पर हुए पहले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के सुरेंद्र प्रकाश गोयल को 90 हजार से अधिक वोटों से हराया था और तब से लेकर अब तक इस सीट पर भाजपा का ही कब्जा रहा है।
मोदी लहर में जनरल वी के सिंह ने 5 लाख से भी ज्यादा वोटों से गाजियाबाद सीट से दर्ज की थी, जीत
साल- 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से जनरल वी के सिंह को उतारा था। जनरल वी के सिंह ने 5 लाख से भी ज्यादा वोटों से यहां से जीत दर्ज की थी। उसके बाद साल- 2019 के लोकसभा चुनावों में भी कुछ ऐसा ही परिणाम देखने को मिला। जहां भाजपा के वी के सिंह ने एक बार फिर 5 लाख के भारी अंतर से सपा के सुरेश बंसल को मात दी थी।
साल-2008 के परिसीमन के बाद गाजियाबाद संसदीय सीट का हुआ था, गठन
गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं। गाजियाबाद जिले की 4 विधानसभा सीटें- लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद और गाजियाबाद भी इसी लोकसभा सीट के अंतर्गत आती हैं तो वहीं हापुड़ जिले में आने वाली धौलाना विधानसभा सीट भी गाजियाबाद लोकसभा सीट का ही हिस्सा है।
गाजियाबाद संसदीय सीट पर भाजपा का साल-2009, साल- 2014 और साल-2019 तीनों चुनाव में रहा है, जलवा
अगर साल- 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो गाजियाबाद लोकसभा की सभी पांच सीटों पर भाजपा ने बाजी मारी थी। इससे पहले हुए साल- 2017 के विधानसभा चुनाव में भी कुछ ऐसा ही हाल था। बीजेपी ने लोनी, साहिबाबाद, गाज़ियाबाद और मुरादनगर की विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि धौलाना विधानसभा सीट बहुजन समाज पार्टी के खाते में गई थी।
साल- 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर एक नजर
साल-2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद सीट पर कुल 29 लाख, 38 हज़ार, 845 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या- 16 लाख, 22 हज़ार, 869 है,जबकि महिला वोटरों की संख्या- 13 लाख, 15 हज़ार, 872 है। वहीं ट्रांसजेंडर वोटरों की संख्या 203 है।
साल- 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
अगर साल- 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो भाजपा के जनरल वी के सिंह ने समाजवादी पार्टी के सुरेश बंसल को 5 लाख, 1 हजार, 500 वोटो से करारी शिकस्त दी थी। जनरल वी के सिंह को कुल 9 लाख, 44 हजार, 503 वोट मिले थे तो वहीं सपा के सुरेश बंसल 4 लाख, 43 हजार, 3 वोट से ही संतोष करना पड़ा था। वह दूसरे नंबर पर रहे थे। कांग्रेस की डॉली शर्मा को 1 लाख, 11 हजार, 944 वोट मिले थे और उन्हे तीसरे नंबर पर रहना पड़ा था।
साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2014 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें तो इस सीट पर सेना से रिटायर होकर बीजेपी ज्वाइन करने वाले जनरल विजय कुमार सिंह को 7 लाख, 58 हज़ार, 482 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस के राज बब्बर को 1 लाख, 91 हजार, 222 वोट ही मिले थे। जबकि तीसरे स्थान पर रहे बहुजन समाज पार्टी के मुकुल को 1 लाख, 73 हज़ार, 85 वोट मिले थे। लोकसभा का यह चुनाव मोदी के नेतृत्व में भाजपा लड़ी थी और अपर सफलता के साथ प्रचंड बहुमत पाकर देश में एनडीए की सरकार बनी।
साल-2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2009 की बात करें तो तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह इस सीट से विजयी रहे, जिन्होंने कांग्रेस के सुरेंद्र प्रकाश गोयल को 90 हज़ार से अधिक वोटों से हराकर इस सीट से पहले सांसद बने। राजनाथ सिंह को 3 लाख, 59 हज़ार, 637 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के सुरेंद्र प्रकाश गोयल को 2 लाख, 68 हज़ार, 956 वोट ही मिले। वहीं तीसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के पं. अमर को 1 लाख, 80 हजार, 285 वोट मिले।
70 फीसदी से अधिक हैं , गाजियाबाद संसदीय सीट पर हिन्दू आबादी
दिल्ली से सटे होने के चलते प्रदेश की गाजियाबाद लोकसभा सीट को वीआईपी सीट माना जाता है। गाजियाबाद लोकसभा सीट की 70 फीसदी से अधिक आबादी हिन्दू है तो वहीं करीब 25 फीसदी आबादी मुस्लिम है। इस सीट पर हमेशा से ठाकुर और वैश्य समाज का वर्चस्व रहा है। इसी समीकरण को देखते हुए भाजपा ने इस बार वैश्य समाज से आने वाले अतुल गर्ग पर दांव चला है। कौन यहां से जीतकर दिल्ली जाएगा इसमें एक अहम भूमिका साठा चौरासी निभाता है।
यही कारण है कि साल- 2009 से लेकर अब तक यहां से ठाकुर समाज से आने वाला ही गाजियाबाद से सांसद निर्वाचित हुआ है। हालांकि, गाजियाबाद लोकसभा सीट पर ब्राह्मण समाज का भी अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। अब देखना बेहद दिलचस्प होगा कि क्या इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा का वैश्य कार्ड चल पाएगा या इस बार भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले गाजियाबाद लोकसभा सीट पर विपक्ष अपना झंडा लहराएगा ?