प्रधान की पिटाई से अधेड़ की मौत, परिजनों ने एसपी आवास के सामने रखा शव, पुलिस पर लगाये गंभीर आरोप
हरदोई। घर में घुस कर फावड़े और लाठी-डंडे से किए गए हमले में घायल अधेड़ की मौत के बाद भी कासिमपुर पुलिस नहीं पिघली, उल्टे हमलावरों को बचाने के लिए अधेड़ के घर वालों पर दबाव बनाते हुए सौदेबाजी में जुट गई। उधर दबाव के डर से लखनऊ में पोस्टमार्टम कराने के बाद अधेड़ का शव उसके घर वाले गांव नहीं ले गए बल्कि एसपी बंगले के सामने ले जा कर रख दिया। इस बीच वहां तैनात पुलिस के जवान शव के साथ खींचतान करने लगे, जिसका वीडियो सामने आया है। जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे क्या हुआ।
बतातें चलें कि 1 सितम्बर को कासिमपुर थाने के महमूदपुर धतिगड़ा निवासी रतिराम के ऊपर घर में घुस कर फावड़े और लाठी-डंडे से हमला कर उसे लहूलुहान कर दिया गया था। बुरी तरह से घायल हुए रतिराम को सीएचसी से मेडिकल कालेज और वहां से लखनऊ ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां रविवार की सुबह उसकी आठवें दिन मौत हो गई।
इधर कासिमपुर पुलिस पर शुरु से ही आरोप लगाए जा रहे थे कि वह हमलावरों को बचाते हुए रतिराम की पत्नी शर्मा देवी की तहरीर पर केस नहीं दर्ज कर रही है। उसकी मौत की खबर सुनते ही हमलावर दबाव बनाने के लिए पुलिस के साथ सांठगांठ करने लगे। इसका पता होने पर अधेड़ के घर वालों ने शव को सीधे गांव ले जाने का फैसला टाल दिया और रविवार की देर रात में शव एसपी बंगले के सामने रख दिया।
इसका पता होते ही वहां तैनात पुलिस जवान सन्न में रह गए,पहले तो उन्होनें बातों से बात बनाने की कोशिश की,फिर बाद में शव को हटाने के लिए खींचतान करने लगे,जिसका वीडियो सामने आया है। उस वीडियो को देख कर समझा जा सकता है कि पुलिस जवान महिलाओं के साथ किस तरह से धक्का-मुक्की कर रहें है।
गैर इरादतन कैसे इरादतन में हुई तरमीम
कासिमपुर पुलिस ने काफी शोर होने और एसपी के एक्शन में आने पर रतिराम के हमलावरों के खिलाफ बीएनएस की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) के तहत रिपोर्ट दर्ज की थी,जबकि अधेड़ के घर वालों का कहना था कि हमलावरों ने पूरे इरादे के साथ घर में घुस कर रतिराम के ऊपर हमला बोला गया था। घर वाले रतिराम का शव गांव ले गए,लेकिन तब तक अंतिम संस्कार न करने का फैसला किया,जब तक हमलावरों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज नहीं हो जाती। हो-हल्ला होता इससे पहले बैक फुट पर आई कासिमपुर पुलिस ने बीएनएस की धारा 105 को बीएनएस की धारा 103 में तरमीम किया।
आखिर क्या है सारा मामला
आरोपी गुड्डी देवी महमूदपुर धतिगड़ा की प्रधान हैं और उसके पति निरंजन प्रधानी चलाते है। गांव वालों के जाबकार्ड निरंजन ने अपने पास रख रखें है,मनरेगा के तहत जिस जाबकार्ड धारक के खाते में पैसा जाता है, निरंजन उसके ऊपर दबाव बना कर उससे रुपयों ऐंठ लेता है।रतिराम भी जगह कार्ड धारक था,उसके खाते में रुपये आए हुए थे।
1 सितम्बर को पहले प्रधान गुड्डी देवी रतिराम के घर उससे रुपयें मांगने पहुंची, रतिराम का कहना था कि रुपये उसके खाते में आए है, उसे भी हिस्सा चाहिए,उसी बात पर गाली-गलौज हुई और फिर गुड्डी ने अफने पति निरंजन, पुत्रों के अलावा अपने लोगों के साथ रतिराम के ऊपर हमला बोल दिया।