राम मंदिर गए विधायक और विधान परिषद के सदस्य,स्वामी प्रसाद मौर्या ने बताया मजबूरी और दिखावा
अमेठी।अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव चुनावी वैज्ञानिक स्वामी प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के निमंत्रण पर विधानमंडल सदस्यों के रामनगरी अयोध्या में रामलला का दर्शन करने के लिये जाने को दिखावा और छलावा करार देते हुए रविवार को कहा कि सरकारी फरमान पर अयोध्या जाना उन विधायकों की मजबूरी है।
प्रदेश के विभिन्न विधायकों के अयोध्या में रामलला का दर्शन करने के लिए जाने से जुड़े एक सवाल पर मौर्य ने संवाददाताओं से कहा कि सरकारी फरमान पर अपने आराध्य की पूजा करने जाना उचित नहीं है,जो लोग गए हैं, उनकी मजबूरी है। यह दिखावा और छलावा है। हम लोग ऐसे फरमान पर क्यों जायें।
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के निमंत्रण पर रविवार को मुख्य विपक्षी दल सपा को छोड़कर उत्तर प्रदेश के दोनों सदनों के लगभग 325 विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अयोध्या में रामलला का दर्शन-पूजन किया।इसमें भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल अपना दल,निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सदस्यों के अलावा विपक्षी दलों में कांग्रेस की दल नेता आराधना मिश्रा मोना,जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया,बहुजन समाज पार्टी के उमाशंकर सिंह और राष्ट्रीय लोकदल के राजपाल सिंह बालियान भी शामिल रहे।
जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव हसनपुर में संविधान जागरुकता गोष्ठी में शामिल होने आए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के सवाल पर कहा कि राहुल गांधी इस समय देश में अपनी न्याय यात्रा के जरिए समाज को जोड़ने और भाईचारा कायम करने का काम कर रहे हैं। मैं इसका स्वागत करता हूं और उनकी यात्रा जब भी उत्तर प्रदेश पहुंचेगी मैं कहीं न कहीं इस यात्रा में जरूर शामिल होने जाऊंगा।
कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम को पार्टी से निष्कासित किये जाने के सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वह कांग्रेस में थे, लेकिन पिछले एक वर्षों से उनकी आत्मा भाजपा में भटक रही थी। कृष्णम को पार्टी से निकाले जाने से कांग्रेस और मजबूत होगी। अमेठी से सपा प्रत्याशी उतारे जाने के सवाल पर मौर्य ने कहा कि यह गठबंधन का मामला है। गठबंधन के नेता बैठकर तय करेंगे कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा।