विधायक बेदी राम गाजीपुर की जखनिया सीट से विधायक हैं और पहले भी यूपी एसटीएफ उन्हें पेपर लीक मामले में गिरफ्तार कर भेज चुकी है, जेल
पेपर लीक मामले में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक बेदी राम का जुड़ा एक वीडियो सामने आया है। जिसमें वह नौकरी दिलाने और पेपर लीक डील पर बात कर रहे हैं। बेदी राम गाजीपुर की जखनिया सीट से विधायक हैं और पहले भी यूपी एसटीएफ उन्हें पेपर लीक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
लखनऊ- सुभासपा विधायक बेदीराम की गिरफ्तारी की खबर, STF द्वारा विधायक बेदीराम को गिरफ्तार किया गया। पेपर लीक कांड के आरोपी सुभासपा विधायक बेदीराम गिरफ्तार। यूपी STF ने कई मामलों में बेदीराम पर पहले से मुक़दमा दर्ज कर रखा है। विधायक बेदीराम को गिरफ्तार कर STF मुख्यालय लाया गया है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को इस बात पर अमल करना होगा कि जब दागी लोगों को पार्टी में शामिल किया जायेगा अथवा घटक दल का हिस्सा बनाया जायेगा तो ऐसे आरोप तो लगेंगे ही और उसकी आंच भी आयेगी।
सत्ता की खातिर भाजपा जिस अंदाज में दागी लोगों और गठबंधन में सुभासपा जैसे दल को घटक दल बनायेगी तो परिणाम भी वैसे ही आयेगा
पर्चा लीक माफिया सुभासपा विधायक बेदीराम जौनपुर में जलालपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। वहां उसकी हिस्ट्रीशीट 17 A प्रचलित है। साल- 2022 में तत्कालीन एसपी अजय साहनी ने बेलीराम की हिस्ट्रीशीट खोली थी, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ। हामरे देश का गजब का सिस्टम है जो सत्ता में रहे अथवा सत्ता का वरदहस्त उस पर हो तो वह कुछ भी करें, उस पर पुलिस हाथ भी नहीं डाल सकती। भाजपा सत्ता पाने के लिए ओम प्रकाश राजभर जैसे गंदे लोगों के साथ गठबंधन कर उन्हें मंत्रिन्मंद्ल में शामिल करेंगे तो ऐसे हालात का सामना करना ही पड़ेगा।
पेपर लीक से चर्चा में आए बेदीराम जब नाटकीय ढंग से हुए थे गिरफ्तार, भेष बदलकर पहुंची थी, STF
नीट परीक्षा में गड़बड़ी के बाद इन दिनों पेपर लीक का मामला काफी चर्चा में बना हुआ है। इस बीच ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा के विधायक बेदीराम का नाम भी पेपर लीक में सामने आया है, जिसके बाद प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अब बेदीराम की गिरफ्तारी की मांग की है तो वहीं अब बेदी राम से जुड़ी दशकों पुरानी घटना की यादें ताजा हो गई हैं, जब बड़े ही नाटकीय ढंग से उन्हें लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था।
Paper Leak Case: पेपर लीक पर मचे बवाल के बीच सुभासपा के विधायक बेदीराम का वीडियो सामने आने के बाद बवाल मच गया है, जिसमें वो पेपर लीक और नौकरी लगवाने के लिए पैसे के लेनदेन की कर रहे हैं, बात
कहा जाता है कि उस वक्त बेदी राम किसी से मिलते जुलते नहीं थे। मिशन के अनुसार एसटीएफ की टीम मांगलिक कार्यक्रम में तिलकहरु के वेश धारण करके जखनिया स्थित उनके घर पर पहुंची थी। इन सब बातों से बेखबर बेदी राम ने अपने घर पर आई एसटीएफ की टीम का खूब आवाभगत किया। इस बात की किसी को कानों कान खबर ना लगे इसलिए एसटीएफ की टीम भी मिठाई और फलों की टोकरी के साथ बेदी राम के घर पर पहुंची थी। बेदी राम के घर खुशियों का माहौल था, लेकिन इसी बीच जब एसटीएफ की टीम ने अपना असली परिचय दिया तो बेदी राम के होश उड़ गए। जब तक बेदी राम कुछ समझ पाते तब तक एसटीएफ की टीम ने उन्हें धर दबोचा।
पेपर लीक में पहले भी फंस चुके सुभासपा विधायक बेदीराम: 2021 में पत्नी को ब्लॉक प्रमुख बनाया, साल- 2014 में STF कर चुकी है, गिरफ्तारी
जैसे-जैसे पेपर लीक मामले को लेकर विरोध तेज हो रहा है वैसे-वैसे नए खुलासे होते जा रहे हैं। इसी बीच सुभासपा से विधायक बेदी राम भी इस मामले में घिरते नज़र आ रहें हैं। लगभग दशक पहले, पहली बार बेदी राम एसटीएफ के रडार पर आए थे। उस वक्त बेदी राम की गिरफ्तारी की कहानी भी खूब सुर्खियों में थी। ऐसे दागी लोगों को राजनीतिक दल अपनी पार्टी से टिकट ही क्यों देती हैं ? कहीं न कहीं ये राजनीतिक दल के सुप्रीमों इसके लिए जिम्मेदार हैं।
जब नाटकीय ढंग से हुई थी, गिरफ्तारी
दरअसल लखनऊ में साल- 2011 में सुभासपा विधायक बेदी राम की गिरफ्तारी हुई थी। जब एसटीएफ़ ने बड़े ही नाटकीय ढंग से बेदी राम को उनके घर से गिरफ्तार किया था। इस पूरे मिशन की अगुवाई कर रहे थे तत्कालीन एसटीएफ एसपी संतोष कुमार सिंह। एसटीएफ की टीम बेदी राम की गिरफ्तारी के लिए लंबे समय से जाल बुन रही थी। इसी जाल के तहत एसटीएफ ने एक खास प्लान तैयार किया।
कई राज्यों में फैला है, नेटवर्क
आरोप है कि बेदी राम का नेटवर्क यूपी समेत कई दूसरे राज्यों में भी फैला हुआ था। बेदी राम के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने के बाद तब की तत्कालीन सरकार ने उनकी गिरफ्तारी के लिए हरी झंडी भी दिखा दी। लेकिन, बेदी राम को पकड़ना इतना आसान नहीं था, क्योंकि बेदी राम के गुर्गे इतने सक्रिय थे जो गिरफ्तारी के पहले ही उनको खबर कर देते थे। उनकी पकड़ पुलिस के साथ-साथ अलग-अलग विभाग के अधिकारियों में थी।
इसी का फायदा उठाकर बेदी राम मौके से फरार हो जाता था। जिसके बाद एसटीएफ ने बेदी राम की गिरफ्तारी के लिए एक खास प्लान तैयार किया था। कहा जाता है कि इसी जलसाजी के तहत बेदी राम ने उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के कई विभागों में लगभग सैकड़ों लोगों को नौकरियां भी दिलवाई थी जो आज भी पदों पर कार्यरत हैं। उस दौर में बेदी राम की पहचान वाराणसी गाजीपुर सहित पूर्वांचल में एक बड़े नटवरलाल के रूप में होने लगी थी।