अदालत की नजर में प्रतापगढ़ के निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” धोखाधड़ी के मामले में 15 मार्च को ही दोषी पाये गए थे, परन्तु एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाने की तिथि 22 मार्च को रखी, अंतिम समय तक अदालत भी सजा के मामले में सस्पेंस बनाये राखी, 23 मार्च, 2022 को सजा सुनाकर सबको चौका दिया…
प्रतापगढ़। एमएलसी चुनाव प्रक्रिया के दौरान एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार 22 मार्च, 2022 को प्रतापगढ़ के निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” को सजा सुनाये बगैर न्यायिक हिरासत में लेकर एक दिन के लिए जेल भेज दिया। निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” के विरुद्ध कोर्ट ने धोखाधड़ी के प्रकरण में विचारण के बाद 15 मार्च को ही दोषी करार दिया था। मंगलवार 22 मार्च को अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लिये जाने का आदेश जारी कर दिया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उन्हें जिला जेल में दाखिल करा दिया गया। साथ ही अगले दिन इस मामले में सजा का फैसला सुनाये जाने की तिथि नियत की गयी।
निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” पर आरोप है कि उन्होंने गलत पते पर शस्त्र लाइसेंस हासिल कर लिया था। इस मामले में तत्कालीन नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रहे डीपी शुक्ला ने केस दर्ज कराया था। इसी मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” को दोषी करार दिया है। अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” ने जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के टिकट पर एमएलसी पद के नामांकन दाखिल किया है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” के खिलाफ अब अपना फैसला सुना दिया है। अदालत के इस फैसले से जिले की राजनीति पर भी प्रभाव पड़ेगा। चूँकि दो दशक से अधिक यानि कुल चार बार अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” एमएलसी पद पर निर्वाचित होते रहे। वर्ष-2004 में जब प्रतापगढ़ से अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” समाजवादी पार्टी से सांसद निर्वाचित होने के उपरांत एमएलसी पद से त्याग पत्र दे दिया था।
अपराध की प्रकृति को देखते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट ने निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” ने 7 साल की सजा और अलग-अलग धाराओं में अर्थदंड के रूप में 10 हजार रूपये, 10 हजार रूपये और 5 हजार रुपये की सजा सुनाई है। कुल मिलाकर 25हजार रूपये अर्थदंड का निर्धारण किया गया है। अर्थदंड न जमा करने पर तीन महीने अतिरिक्त के साधारण कारावास की सजा और भुगतनी पड़ेगी। निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” के खिलाफ सजा का निर्धारण होने के बाद अब संभावना जताई जा रही है कि भले ही उनका नामांकन रिटर्निंग ऑफिसर वैध करार दिया था, परन्तु अब निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” अपना नामांकन वापस ले लेंगे। अब उनकी पत्नी मधुरिमा सिंह को चुनाव मैदान में निर्दलीय उतारकर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक उन्हें अपना समर्थन दे सकती है।