Mukhtar Ansari News: पिता के जनाजे में शामिल नहीं हो सका अब्बास अंसारी, इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली निराशा, सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सका परिवार
कासगंज। जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह रहा माफिया मुख्तार अंसारी को शनिवार को गाजीपुर में दफन कर दिया गया। कासगंज जेल में बंद अब्बास अंसारी पिता मुख्तार अंसारी के जनाजे में शामिल नहीं हो पाया। इस बीच खबर है कि अब्बास ने पत्नी निकहत बानो से 5 मिनट तक फोन पर बात की। पिता मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पहली बार पत्नी से बात करते हुए अब्बास रोने लगा। इस दौरान अब्बास ने पत्नी से फोन पर पिता के जनाजे और उनको दफन किये जाने की पूरी जानकारी ली।
मिली जानकारी के अनुसार पत्नी निकहत बानो से बात करने के बाद अब्बास अंसारी अपनी बैरक में सुधबुध खो बैठा। अब्बास अपनी बैरक में टहलता हुआ भी नजर आया। अब्बास ने आज भी रोजा रखा है। अब्बास जेल की बैरक में हर रोज किताबें पढ़कर समय बिताता था, लेकिन पिता मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब्बास ने किताबें उठाकर भी नहीं देखी है। आज अब्बास अंसारी को एहसास हो रहा होगा कि जिसके यहाँ मौत होती है, उसके घर का नजारा क्या होता होगा ?
जेल में बंद मुख्तार के विधायक बेटे अब्बास अंसारी ने पत्नी निकहत से फोन पर की बात, फोन पर बात कर रोने लगा अब्बास
बता दें कि मुख्तार अंसारी के जनाजे में शामिल होने के लिए विधायक बेटे अब्बास अंसारी को पेरोल दिए जाने या फिर न्यायिक हिरासत में जनाजे में शामिल होने की इजाजत दिए जाने की अर्जी शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में नहीं दाखिल हो सकी थी, जिसमें कोर्ट से इजाजत नहीं मिल पाई और अब्बास पिता मुख्तार अंसारी के जनाजे में शामिल नहीं हो पाया। आज माफिया मुख़्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को पिता के जनाजे में शामिल होने के लिए कोई ब्यवस्था नहीं बन पायी।
बताते चलें कि माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई थी। मुख्तार की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया। बांदा मेडिकल कॉलेज में मुख्तार का पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद शव बेटे उमर अंसारी को सौंप दिया गया। इसके बाद आज गाजीपुर के मोहम्मदाबाद में मुख्तार के शव को दफन कर दिया गया। मुख्तार हत्या, रंगदारी जैसे कई अपराधों में दोषी था और बांदा जेल में बंद था। कारागार की ब्यवस्था अपराधियों को सुधारने के लिए होता है, इसलिए इसे सुधर गृह भी कहते हैं। परन्तु कारागार में 19 साल बिताने के बाद भी माफिया डॉन मुख़्तार सुधर न सके और एक दिन ऐसे आया कि मुख़्तार अंसारी जेल से अस्पताल के बीच अपना जीवन गंवा दिए। बेटा विधायक अब्बास अंसारी पिता मुख्तार अंसारी का चेहरा तक नहीं देख सका।
इस वजह से नहीं मिली राहत
मुख्तार अंसारी के परिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। अब्बास अंसारी अपने पिता मुख्तार अंसारी के जनाजे में शामिल होना चाहता थे। इसके लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अर्जी मेंशन की गई थी। एमपी एमएलए से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाले जस्टिस संजय कुमार सिंह की बेंच में मुख्तार के परिवार की अर्जी मेंशन थी। यह बेंच आज बैठी नहीं इसके मुकदमे जस्टिस समित गोपाल की बेंच में ट्रांसफर कर दिए गए। जस्टिस समित गोपाल की बेंच दूसरी बेंच से आए किसी भी मुकदमे को सुनने से इनकार कर दिया। इस वजह से मुख्तार के परिवार की अर्जी हाईकोर्ट में मेंशन नहीं हो पाई है। परिवार अब सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की तैयारी में जुटा है। थोड़ी देर बाद सुप्रीम कोर्ट में अजी दाखिल की जाएगी। हालांकि वकील इस बात की कोशिश में जुटे हुए हैं कि मामला चीफ जस्टिस के यहां मेंशन हो जाए और चीफ जस्टिस किसी बेंच को सुनवाई करने के लिए नॉमिनेट कर दें।