यूपी में अब बिजली चोरी के सभी रास्ते बंद होने चाहिए, पावर कारपोरेशन प्रबंधन को करनी चाहिए,खास तैयारी
लखनऊ। गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे पावर कारपोरेशन प्रबंधन को बिजली चोरी के सभी रास्ते बंद करना चाहिए। इसके लिए प्रबंधन को काम करना चाहिए। अधिक लाइन लास वाले क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। हर कनेक्शनधारक को मीटर से ही आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। कटिया से बिजली चोरी बंद करने के लिए एबीसी (एरियल बंच केबल) का जाल बिछाना चाहिए। बकाए के साथ ही वर्तमान बिल की वसूली और लाइन लास घटाने का वार्षिक और मासिक लक्ष्य तय कर अवर अभियंता से लेकर प्रबंध निदेशक तक को दायित्व सौंपा जाना चाहिए। इसमें सुस्ती न बरती जाए।
भीषण गर्मी में शहरवासियों को 24 घंटे और गांव को 18 घंटे बिजली देने के लिए कारपोरेशन प्रबंधन पर भुगतान का दबाव बढ़ता जा रहा है, क्यों कि अभी बिजली आपूर्ति के एवज में वसूली लगभग 2419 करोड़ रुपए प्रतिमाह कम हो रही है। कारपोरेशन का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है।बिजली उत्पादकों का समय से भुगतान करने के लिए उसके सामने गंभीर वित्तीय संकट है। ऐसे में जरूरत पर भी कारपोरेशन न तो पावर एक्सचेंज की महंगी बिजली खरीदने और न ही कोयले का पेमेंट करने की हालत में है। यूपी में विकास की रफ्तार बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में बिजली संकट के स्थायी समाधान पर जोर देते हुए ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सुधार के निर्देश दिए हैं।
अभी लाइनलास (वितरण हानियां) लगभग 20 और एटीएंडसी (तकनीकी व वाणिज्यिक हानियां) 28 प्रतिशत है, जिसे 11 और 16 प्रतिशत तक करने के लिए जेई से लेकर डिस्काम के प्रबंध निदेशक तक का दायित्व तय किया जाना चाहिए। खासतौर से पूर्वांचल में ही 7.50 लाख से ज्यादा बिना मीटर वाले कनेक्शन हैं जहां 100 दिन में ही सभी में मीटर लगाने के निर्देश दिए जाने चाहिए हैं। ज्यादा लास वाले क्षेत्रों में एबीसी लगाए जाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया जल्द पूरी की जानी चाहिए। सभी 11 केवी फीडर के साथ ही हर ट्रांसफार्मर का भी एनर्जी आडिट होनी चाहिए। जहां ज्यादा लास है वहां जरूरी कार्यवाही होनी चाहिए। 10 हजार से अधिक के बकाए वाले उपभोक्ताओं से पहले वसूली सुनिश्चित की जानी चाहिए।
हर एक फीडर पर अप्रैल की हानियों को देखते हुए जून तक उसमें 20 प्रतिशत तक कमी लाने का लक्ष्य जेई को सौंपा जाना चाहिए। जिन फीडर की हानियां 50 प्रतिशत से अधिक हैं उनमें 30 जून तक 20 प्रतिशत कमी करनी चाहिए। लाइन लास 30 से 50 प्रतिशत होने पर 15 और 25 से 30 होने पर 10 प्रतिशत कमी लानी चाहिए। एसडीओ और अधिशासी अभियंता को प्रतिदिन, मुख्य अभियंता को साप्ताहिक और डिस्काम के निदेशक को 15 दिन में जेई के कार्य की समीक्षा करनी चाहिए। 97 हजार करोड़ रुपए से अधिक का घाटा है। 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। 21500 करोड़ रुपए से अधिक की देनदारियां है। 2400 करोड़ रुपए प्रतिमाह राजस्व घट रहा। सरकारी मदद के बाद भी 58 करोड़ प्रतिदिन घट रहा है।