जनता के साथ अन्याय कर रहे अधिकारी, बीजेपी एमएलसी शैलेन्द्र सिंह का छलका दर्द
अमेठी। जिले के गौरीगंज कलक्ट्रेट परिसर में सेंट्रल बार एसोसिएशन का शपथ ग्रहण कार्यक्रम शुक्रवार को संपन्न हुआ। इस दौरान अध्यक्ष समेत नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के विधायक के साथ विधान परिषद सदस्य के साथ अधिकारी और अधिवक्ता भी मौजूद रहे। इस दौरान विधान परिषद सदस्य शैलेंद्र सिंह का अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर दर्द छलक पड़ा।
बीजेपी नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिले में ऐसे अधिकारी हैं जो उच्चाधिकारियों के निर्देश का हवाला देकर बात नहीं सुनते हैं। उन्होंने पीड़ितों के साथ अधिकारियों पर न्याय न देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यहां एक एसडीएम हैं जो फोन करने पर कभी डीएम साहब का नाम ले लेते हैं, कभी एडीएम साहब का नाम ले लेते हैं। कभी पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों का नाम ले लेते हैं। कहते हैं कि उनका फोन आया है तो इसलिए हम ऐसा कर रहे हैं।
इस दौरान उन्होंने कहा कि जो जिस सीट पर बैठा है, उसको अपने हिसाब से न्याय उचित निर्णय लेना चाहिए। एक प्रकरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमने एडीएम साहब के पास एक पीड़ित महिला के पति को भेजा था, तब एडीएम साहब ने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। हमने किसी को कोई फोन नहीं किया था. उन्होंने कहा कि मेरी जिज्ञासा है की क्या यह उचित है या अनुचित है। इससे मुझे अवगत कराया जाए। क्या कोई भटक रहा है तो उसे कागजात मिलेंगे या नहीं मिलेंगे, यह भी एक बड़ा सवाल है। उसे क्यों निर्माण नहीं करने दिया जा रहा है। दोनों बिंदुओं पर आप लोग जांच कराएं।
मीडिया से बातचीत के दौरान विधान परिषद सदस्य शैलेंद्र सिंह ने कहा कि अभी हमने दो मामलों का उदाहरण दिया। जिसमें एक मामला टांडा ग्राम सभा के भाले सुल्तान थाना क्षेत्र के एक गांव है। दूसरा मामला जामो थाना क्षेत्र के चिटहौला गांव का है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों मामलों में प्रशासन द्वारा नाजायज काम किया गया है। उनके साथ उत्पीड़न हुआ है। उनका आरोप है कि दो लोगों को छोड़ दिया गया है और दो को जेल भेज दिया गया। इस बारे में हमने प्रशासन से न्याय उचित जांच करने की मांग की है। उन्होंने आगे कहा कि टांडा गांव की एक महिला दर-दर भटक रही है। उसकी जमीन है फिर भी निर्माण नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि यदि पीड़ित महिला प्रश्नोत्तरी के माध्यम से यह जानकारी चाहती है कि स्टे है कि नहीं है तो इसे उनको उपलब्ध कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगे यह लोग सब ठीक हो जाएंगे जो मन में पीड़ा थी मेरे, आज उसको मैंने व्यक्त किया।
कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह, विधान परिषद सदस्य शैलेंद्र सिंह के साथ अधिकारी और अधिवक्ता शामिल हुए। जिलाधिकारी ने नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को बधाई देते हुए कहा कि यह नई कार्यकारिणी सफलता की ओर अग्रसर हो। इसके साथ ही सभी वादकारियों को न्याय मिल सके, यही सब की जिम्मेदारी होनी चाहिए। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान विधायक राकेश प्रताप सिंह ने भी सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारी को शुभकामनाएं दीं और हमेशा अधिवक्ताओं के साथ खड़े रहने की बात कही।
इस मामले में एसडीएम ने बताया कि हम नियमानुसार कार्य करते हैं। यदि किसी के समझने में कोई दिक्कत हुई है तो उसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं। न्यायिक उप जिलाधिकारी मो. असलम ने बताया कि वादी और प्रतिवादी को प्रश्नोत्तरी का जवाब नियम के अनुरूप दिया गया है। मेरी तरफ से न्यायिक प्रक्रिया का अनुपालन किया गया है।