प्रतापगढ़ फर्नीचर कारोबारी की हत्या का मुख्य आरोपी 25 हजार का इनामी कल्लू डॉन को पुलिस ने किया गिरफ्तार
प्रतापगढ़। फर्नीचर कारोबारी की हत्या के 25000 इनामिया मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को पुलिस ने जेल भेज दिया गया है। पट्टी कस्बे के बाईपास नगर पंचायत वाली रोड पर फर्नीचर कारोबारी नईम की 21 मार्च को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में चार आरोपी पहले ही जेल जा चुके हैं। जबकि दो आरोपी फरार चल रहे थे। पट्टी कोतवाल आलोक सिंह ने स्वाट टीम के सहयोग से मुखबिर खास की सूचना पर मुख्य आरोपी स्वप्नदीप यादव उर्फ कल्लू डॉन को बीबीपुर नहर पुलिया के पास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। कोतवाल आलोक सिंह ने बताया कि पुलिस ने स्वप्नदीप उर्फ कल्लू डान पर एसपी प्रतापगढ़ ने 25000 का इनाम भी घोषित किया था। जिसे गिरफ्तार कर लिया है।
बेटे ने ही दी थी पिता की हत्या की सुपारी…
हत्याकांड को अंजाम किया और ने नहीं फर्नीचर कारोबारी के नाबालिग बेटे ने ही अंजाम दिलवाया था। इसके लिए उसने शूटरों को छह लाख रुपये की सुपारी दी थी। मृतक कारोबारी नईम के बाल अपचारी बेटे ने साथ पढ़ने वाले कुम्हिया पट्टी के अपने दोस्त शुभम सोनी व मेला ग्राउंड निवासी प्रियांशु उर्फ गोलू मिश्रा की मदद से कल्लू माफिया डॉन उर्फ स्वप्नदीप को सुपारी दी थी। एडवांस दो किस्तों में एक लाख रुपये भी दिए। 50 हजार रुपये पहले ही असलहे के लिए दिए थे। पहले बेटा अपने साथियों के साथ खुद पिता की हत्या करना चाहता था, लेकिन बाद में इरादा बदल दिया।
जेबखर्च न मिलने पर दिया था घटना को अंजाम…
पुलिस के अनुसार पूछताछ में हत्यारोपी बेटे ने बताया कि वह गलत संगत में पड़कर कभी घर से कभी दुकान से जेवरात चोरी कर लिया करता था। जिससे उसका खर्च चलता था। खर्च बंद करने के बाद पिता उस पर दिनोंदिन पाबंदी लगाते जा रहे थे। जिससे उसे परेशानी हो रही थी। हत्या की साजिश में बेटे के साथ उसके पकड़े गए साथी प्रियांशु उर्फ गोलू मिश्रा, शुभम सोनी भी शामिल थे।
दस लाख रुपये लेकर घर से था भागा, पिस्टल की शौक में कॉलेज से काटा गया था नाम…
पुलिस के अनुसार फर्नीचर कारोबारी नईम का बेटा करीब दस माह पहले घर से दस लाख रुपये बैग में लेकर भागा था। घर पर एक पत्र छोड़ा था। जिसमे लिखा था कि अब वह बड़ा आदमी बनने के बाद ही घर लौटेगा। हालांकि दूसरे दिन वह घर वापस आ गया। सेंट जेवियर्स कॉलेज में कक्षा दस में पढ़ने के दौरान नईम के बेटे के बैग में शिक्षकों ने पिस्टल देखी थी। जिसके बाद अगली कक्षा में उसका प्रवेश नहीं लिया। उसके दो साथियों को भी बाहर का रास्ता दिखाया गया। जिसके बाद से ही नईम अपने बेटे पर अधिक निगाह रखने लगा था। उसे क्या मालूम था कि जिसके लिए वह सबकुछ बना रहा है। वही उसकी जान का दुश्मन बन जाएगा।