चोरी की गाड़ियां खरीदने वाले गैंग को पुलिस ने किया गिरफ्तार; RTO ऑफिस में दलाल से सेटिंग करके बदलवा लेते थे गाड़ी मालिक
गाजियाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को ऐसा गैंग पकड़ा, जो दिल्ली-एनसीआर से लग्जरी गाड़ियां चुराने और फर्जी फाइनेंस कराकर गाड़ियां खरीदने-बेचने का धंधा करता था। पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार करते हुए इनसे तीन गाड़ियां रिकवर की हैं। क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकि ने बताया- पकड़े गए आरोपी संजय भाटी निवासी सूरजपुर नोएडा और राजीव निवासी खरखौदा मेरठ हैं। इनसे आई-ट्वेंटी, क्रेटा, स्विफ्ट डिजायर और दो फर्जी नंबर प्लेट मिली हैं।
कर्जा हुआ तो गलत धंधे में लगा संजय भाटी…
पूछताछ में संजय भाटी ने बताया- ‘मैं 12वीं तक पढ़ा-लिखा हूं। नोएडा में मेरी एक वर्कशॉप है। जहां मैं गाड़ियों की डेंटिंग-पेंटिंग का काम 10-12 साल से कर रहा हूं। गाड़ी खरीदने-बेचने का काम इसी गैराज से पिछले दो साल से कर रहा हूं। कुछ साल पहले मेरे बड़े बेटे का एक्सीडेंट हो गया था। उसके दिमाग का पांच बार ऑपरेशन हो चुका है। इसमें मेरा काफी पैसा खर्च हो गया। इलाज के चक्कर में एक प्लॉट भी बिक गया। इससे मैं कर्जे में आ गया। दो साल पहले नोएडा RTO ऑफिस में गाड़ी के कागजात बनवाने के संबंध में मेरी मुलाकात दलाल राजीव से हुई। राजीव ने ही बताया था कि उसके संपर्क में गाड़ी चुराने वाला गैंग है। इसके बाद मैं राजीव की बातों में आकर इसी धंधे में लग गया।’
नंबर बदलवाकर ट्रांसफर कराते थे गाड़ी….
दूसरे आरोपी राजीव ने बताया- ‘मैं RTO ऑफिस नोएडा में पिछले 6 साल से दलाली का काम कर रहा हूं। इससे पहले 6 साल दिल्ली के मयूर विहार में मेडिकल स्टोर चलाया, लेकिन घाटा होने पर ये धंधा शुरू कर दिया। इस बीच मेरी मुलाकात नोएडा में सर्फाबाद के सोनू यादव से हुई। मैंने उसके साथ चोरी की गाड़ियों और फर्जी फाइनेंस की गाड़ियों के कागजात बनवाने का काम शुरू कर दिया। हम फाइनेंस गाड़ियों की RC में गाड़ी मालिक का नंबर बदलकर अपना नंबर लिखवाकर फर्जी तरीके से नाम ट्रांसफर करवा देते थे।