35 साल तक साधु बन जंगलों में छिपता रहा हत्या का आरोपी, पुलिसकर्मियों ने साधु बनकर धर दबोचा
चंडीगढ़। चंडीगढ़ पुलिस के पीओ एंड समन स्टाफ सेल को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने 35 साल पुराने हत्या के एक मामले में फरार आरोपित अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) निवासी आनंद कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उसने 18 नवंबर 1989 को 11 साल के एक बच्चे का पहले अपहरण किया और फिर उसकी हत्या कर दी। आरोपित कभी पुलिस के हाथ नहीं आया था। वह पिछले कई सालों से यूपी के जंगलों में साधु बनकर छिपा हुआ था।
चंडीगढ़ पुलिस की टीम ने भी साधु का चोला ओढ़कर आरोपित को दबोच लिया। दरअसल, उसे पकड़ने के लिए पीओ सेल की टीम के सदस्य खुद साधु बनकर कई महीनों तक जंगल में भटकते रहे। आखिर में आरोपित उन्हें कासगंज के जंगल में मिल गया, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस टीम उसे चंडीगढ़ ले आई है और यहां अब उसके खिलाफ लूट, अपहरण व हत्या का मुकदमा चलेगा।
35 साल पहले दिया था वारदात को अंजाम…
35 साल पहले आरोपित वारदात को अंजाम देकर अपने गांव अलीगढ़ की अतरौली तहसील स्थित गांव हरनपुर कलां भाग गया था। वह काफी चालाक था, उसने अपना कोई एक ठिकाना नहीं बनाया। उसने पहले दो महीने ताले बनाने की फैक्टरी में काम किया। फिर वह पानीपत, हरियाणा आ गया, जहां उसने सात साल तक तक फल-सब्जी बेचने का काम किया।
बार-बार बदल रहा था ठिकाना…
हरियाणा के बाद आरोपित फिर झारखंड भाग गया और वहां उसने अपना हुलिया बदल लिया। वहां वह साधु बनकर रहने लगा, लेकिन वह एक ठिकाने पर दो महीने से ज्यादा नहीं रहता था। अब वह यूपी के किसी इलाके में रहने लगा था। जिसके बारे में चंडीगढ़ पुलिस को सूचना मिल गई। पुलिस ने नौ महीनों तक उसका पीछा किया। पुलिसकर्मी खुद साधु का चोला पहनकर उसे ढूंढते रहे। आखिर में पता चला कि वह कासगंज के आश्रम में छिपा है, जहां से पुलिस ने उसे दबोच लिया।
लूट के लिए की थी हत्या…
पुलिस ने कैंबवाला निवासी विद्यावति की शिकायत पर केस दर्ज किया था। उसने पुलिस को बताया था कि वह अपने बेटे के साथ मनीमाजरा से कैंबवाला जा रही थी। रास्ते में तीन लोगों ने उसे घेर लिया और उसके गहने छीनने लगे। उसने जब विरोध किया तो एक आरोपित ने उस पर चाकू से हमला किया। वह बुरी तरह जख्मी हो गई। आरोपित उसके बेटे का अपहरण कर फरार हो गए। बाद में उन्होंने उसकी हत्या कर शव जंगल में फेंक दिया। पुलिस ने आनंद कुमार और अन्य आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया। इस मामले में बाकी आरोपित तो पकड़े गए थे, लेकिन आनंद फरार हो गया था।