प्रयागराज में दलित युवक की हत्या पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने की 50 लाख मुआवजा देने की मांग
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के करछना थाना क्षेत्र के लोहनपुर गांव में एक दलित युवक देवी शंकर को कथित रूप से जिंदा जलाकर मार दिए जाने की दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। इस अमानवीय कृत्य की हर ओर निंदा हो रही है, वहीं विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर कानून व्यवस्था के पूरी तरह से फेल होने के आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने इस घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि ‘प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज़ नहीं बची है। अपराधी बेखौफ हैं और दलित समाज निशाने पर है।
अजय राय ने कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी एक मामले की सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सख्त टिप्पणी करते हुए चिंता जताई थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार से मांग की कि देवी शंकर को जिंदा जलाकर मारने वाले दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा दी जाए और पीड़ित परिवार को कम से कम 50 लाख का मुआवजा तुरंत दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह घटना दर्शाती है कि योगी राज में दलित समाज की सुरक्षा खतरे में है।
इस वजह से की गई युवक की हत्या…
प्राप्त जानकारी के अनुसार, लोहनपुर गांव के रहने वाले दलित युवक देवी शंकर की कुछ लोगों से आपसी रंजिश थी। आरोप है कि उसी रंजिश के चलते बीते दिनों कुछ लोगों ने उसे बुरी तरह पीटा और फिर आग के हवाले कर दिया। पीड़ित की मौके पर ही मौत हो गई। गांव में इस घटना के बाद से भारी तनाव बना हुआ है।
राजनीतिक हलकों में भी यह मुद्दा गरमा गया है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा ने इस कृत्य की निंदा करते हुए सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
हालांकि, कांग्रेस ने कहा कि इस दिल दहला देने वाली घटना ने फिर एक बार यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या प्रदेश में दलितों को न्याय और सुरक्षा मिल पा रही है या नहीं। वही कांग्रेस पार्टी ने साफ किया है कि अगर पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला, तो वे सड़क से सदन तक आंदोलन छेड़ेंगे।
साल-2023 में यूपी में दलित अत्याचार के 13 हजार से ज्यादा मामले…
इस घटना ने एक बार फिर प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्याचारों की गंभीर स्थिति को उजागर कर दिया है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जातियों पर अपराध के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। साल-2023 में प्रदेश में दलितों पर अत्याचार के 13,000 से ज्यादा मामले दर्ज हुए थे।