राजू पाल हत्याकांड: माफिया अतीक के शूटर कवि ने 18 साल बाद किया था आत्मसमर्पण, घर से पुलिस ने असलहों का जखीरा किया था, बरामद
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 25 जनवरी, 2005 को बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजूपाल की हत्या हुई थी। राजूपाल की हत्या ने प्रदेश में सनसनी फैला दी थी। कुख्यात माफिया अतीक अहमद के गैंग आईएस-227 के सक्रिय सदस्य अब्दुल कवि का राजूपाल की हत्या में नाम आया था। हत्या के बाद से अतीक का शूटर कवि फरारी काट रहा था। राजूपाल की हत्या के गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद पुलिस ने कवि और उसके घरवालों पर शिकंजा कसा तो इस कवि ने लखनऊ सीबीआई की कोर्ट में 22 नवंबर, 2023 को आत्मसमर्पण कर दिया।
सरायअकिल कोतवाली क्षेत्र के भखंदा का अब्दुल कवि माफिया अतीक अहमद का शूटर था। उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में लगे दो सरकारी गनर की हत्या के बाद पुलिस ने शिकंजा कसा तो कवि के घर से दीवारों में छिपाकर रखे गए असलहों का जखीरा मिला था। उमेश पाल की हत्या के बाद कवि और उसके भाई अब्दुल वली, अब्दुल कादिर फरार हो गए थे। अतीक गैंग का सक्रिय सदस्य संदीपनघाट कोतवाली क्षेत्र के लोहरा गांव का मो. सऊद और उसका भाई मो. फैज भी है। सऊद मूरतगंज का पू्र्व में ब्लॉक प्रमुख रह चुका है।
राजूपाल की हत्या में माफिया अतीक अहमद का शूटर अब्दुल कवि का नाम सामने में आया था। राजूपाल की हत्या के बाद से कवि फरारी काट रहा था। इस बीच कवि ने राजूपाल की हत्या के गवाह उमेश पाल पर जानलेवा हमला भी किया। पुलिस ने कवि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। उमेश पाल की हत्या के बाद शूटरों के भखंदा में छिपे होने की सूचना मिलने पर पुलिस ने कवि के घर पर बुलडोजर चलवा दिया था।
कवि सहित उसके मददगारों के यहां पुलिस ने छापामारी की तो 20 तमंचा 315 बोर, 12 तमंचा 312 बोर, 10 दोनाली बंदूक, नौ रायफल, दो रिवाल्वर, 30 बम समेत लाइसेंसी और गैर लाइसेंसी असलहों का जखीरा बरामद हुआ था।पुलिस कवि की रायफल नहीं खोज सकी। कवि के मददगार और रिश्तेदार भी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं, लेकिन कवि की रायफल का पता नहीं चल सका।
उमेश पाल की हत्या के बाद जब पुलिस ने शूटर अब्दुल कवि पर शिकंजा कसा तो उसने लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में 22 नवंबर, 2023 को आत्मसमर्पण कर दिया। कवि ने बताया कि रायफल उसके भाई अब्दुल वली के पास है। पुलिस ने सप्ताह भर पहले वली को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन पुलिस रायफल बरामद नहीं कर पाई है। राजूपाल की हत्या के बाद शूटर अब्दुल कवि ने रायफल का लाइसेंस लिया था। राजू पाल की हत्या में जब कवि का नाम सीबीआई जांच के दौरान सामने में आया तो वह फरार हो गया।
सबसे खास बात यह रही कि फरारी के दौरान भी कवि के लाइसेंस का नवीनीकरण हो गया। इसकी भनक अफसरों को नहीं लग सकी थी। अब्दुल कवि के भाई अब्दुल वली ने अदालत में आत्मसर्मपण करने के बाद कवि ने कबूल किया था कि उसके भाइयों के पास उसकी लाइसेंसी रायफल है। इस मामले में फरार चल रहे कवि के भाई अब्दुल वली के खिलाफ धारा 82 के तहत कुर्की का आदेश हुआ था। जांच में पता चला कि फरारी के दौरान कवि ने अपने नाम रायफल का लाइसेंस जारी कराया था।फिलहाल पुलिस अब तक रायफल की बरामदगी नहीं कर सकी है।
पुलिस की रिपोर्ट पर लाइसेंस को डीएम ने निरस्त कर दिया था। पुलिस तब से रायफल की तलाश कर रही थी। पुलिस ने कवि को रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो उसने बताया रायफल उसके भाई अब्दुल वली, अब्दुल कादिर, संदीपनघाट के लोहरा निवासी अब्दुल सऊद और फैज के पास है। मामले में अब्दुल कादिर, अब्दुल सऊद और फैज की गिरफ्तारी हो चुकी है। अब्दुल वली फरार चल रहा था। पुलिस ने धारा 82 के तहत उसके घर में कुर्की का नोटिस चस्पा किया। मंगलवार 23 नवंबर 2023 को अब्दुल वली ने सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया है। इंस्पेक्टर विनीत सिंह ने बताया कि अब्दुल वली जेल भेजा गया है। रिमांड में लेकर उससे रायफल के बाबत पूछताछ की जाएगी।