मौत का बदला मौत; 54 साल से चली आ रही दुश्मनी में अब हुई चौथी हत्या, दिनदहाड़े युवक को मारी गोली
जोधपुर। दो परिवारों के बीच दुश्मनी में मौत का बदला मौत देने की नीति के तहत मंगलवार को बासनी थाना क्षेत्र में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान खेड़ी निवासी सुभाष विश्नोई के रूप में हुई है। इस रंजिश में साल-1979 से अब तक 54 सालों में यह चौथी हत्या है। आरोपी दो बदमाश गोली मारकर फरार हो गए।
जेल से बाहर आकर किया नशे का कारोबार, डिलीवरी लेने आए ने मारी गोली…
दोपहर करीब 3 बजे हुई इस घटना के बाद पुलिस लगातार पड़ताल कर रही है। प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि जमानत पर छूटने के बाद सुभाष बिश्नोई नशे का कारोबार करने लगा था। अनिल मदानी नाम के युवक ने 10 दिन पहले उससे दोस्ती की थी। मंगलवार दोपहर वह सुभाष से एमडी लेने आया था। इस दौरान ही उसने सुभाष को गोली मारी। घटना का सीसीटीवी भी सामने आया है। मौके से पांच कारतूस बरामद किए गए हैं।
पुरानी रंजिश में लिया बदला…
डीसीपी पश्चिम राजर्षि वर्मा ने बताया कि सांगरिया क्षेत्र में हमें फायरिंग की सूचना मिली। जिस पर तुंरत पुलिस मौके पर पहुंची। फायरिंग में सुभाष विश्नोई को गोली लगी और उसकी मौत हो गई। शुरूआती पड़ताल में सामने आया है कि मृतक के परिवार की अन्य परिवार के साथ पुरानी रंजिश चल रही है। जिसके तहत जनवरी में उसने अपने परिवार के लोगों के साथ एक हत्या को अंजाम दिया था। ऐसे में ज्यादा संभावना रंजिश रखने वाले परिवार द्वारा ही उसकी हत्या करने की है। बताया जा रहा है कि सुभाष अपने रिश्तेदार से मिलने के लिए आया था। जिसकी जानकारी हत्यारों को लग गई। क्योंकि वे जमानत पर निकलने के बाद से पीछा कर रहे थे।
इस वर्ष जनवरी में सुभाष व विष्णु ने खेडी सालवां में अनिल लेगा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। क्योंकि साल-2018 में विष्णु के दादा थानाराम की हत्या अनिल और उसके साथियों ने की थी। अनिल एक साल बाद जमानत पर छूट गया था। तबसे रंजिश चल रही थी। घटना के दिन थानाराम के बेटे और पोते खेडी सालवा की सभा में थे। बाहर निकले, तो उन्होंने गांव के तिराहे पर अनिल पर हमला किया था। अनिल सभा में शामिल होने के लिए आया था। वहां पर विष्णु और सुभाष ने अपनी गाड़ी अनिल की गाड़ी के आगे लगा कर फायरिंग शुरू कर दी थी। विष्णु ने अनिल के नजदीक जाकर कनपटी पर गोली मारी, जिससे वह ढेर हो गया था।
यूं शुरू हुआ सिलसिला…
रंजिश की शुरूआत साल-1970 से हुई थी। जब थानाराम व उसके साथी ने 18 जून, साल-1970 को अनिल के दादा चतुराराम लेगा की हत्या की थी। तब इसका मामला महामंदिर थाने में दर्ज हुआ था। जिसको लेकर थानाराम की गिरफ्तारी भी हुई थी। साल-1993 में जन्में अनिल को बड़ा होने पर जब पता चला कि उसके दादा की हत्या करने वाला आदमी खुला घूम रहा है, तो उसने बदला लेने की ठानी थी। उसने 15 अगस्त, साल-2018 को थानाराम की हत्या कर दी। जिसके बाद अनिल को गांव छोडना पड़ा। वह जोधपुर में रहने लगा।
इधर थानाराम के बेटे अपने पिता की हत्या के आरोपी से बदला लेने का मौका तलाश रहे थे। इस साल 18 जनवरी को अनिल अपने मित्र छात्रनेता सुनील लोल की शादी सभा में गांव आया, तो थानाराम के बेटों को उस पर हमला करने का मौका मिल गया। इस दौरान अपने दादा की हत्या का बदला लेने के लिए विष्णु ने फायर किए थे। एक गोली अनिल के सिर में लगी और वह मौके पर ही ढेर हो गया. सुभाष विष्णु के साथ था।