CPI के वरिष्ठ नेता अतुल अंजान का निधन, कैंसर रोग से ग्रसित थे
लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के नेशनल सेक्रेटरी अतुल कुमार अंजान (Atul Kumar Anjaan) का निधन हो गया है। अतुल कुमार अंजान (69) पिछले एक महीने से गोमतीनगर के एक अस्पताल में एडवांस स्टेज के कैंसर से जूझ रहे हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के अध्यक्ष के रूप में साल- 1977 के राजनीति की शुरुआत करने वाले अतुल अंजान को सामाजिक न्याय और वामपंथी राजनीति का बड़ा चेहरा माना जाता था। किसानों और श्रमिकों के हितों के प्रति सीपीआई नेता की दृढ़ प्रतिबद्धता ने जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों से व्यापक प्रशंसा और सम्मान प्राप्त किया है। एक समय अपने वक्तृत्व कौशल के लिए जाने जाने वाले तेजतर्रार छात्र नेता ने राजनीति में एक अलग मुकाम हासिल किया था।
लखनऊ यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के अध्यक्ष के रूप में साल-1977 के राजनीति की शुरुआत करने वाले अतुल अंजान को सामाजिक न्याय और वामपंथी राजनीति का माना जाता था, बड़ा चेहरा
लखनऊ विश्वविद्यालय में अंजान ने चार बार छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव जीता। उन्हें वामपंथी राजनीति का बड़ा चेहरा माना जाता था। अंजान घोसी से 4 बार सांसद प्रत्याशी रहे, लेकिन उन्हें हमेशा यहां से निराशा हाथ लगी। एक बार भी वो चुनाव नहीं जीत पाए। अंजान सीपीआई के CPI के राष्ट्रीय महासचिव थे। आज सुबह उन्होंने लखनऊ में अंतिम सांस ली।
छह भाषाओं के जानकार थे, अतुल अंजान
अतुल अंजान को करीब छह भाषाओं की समझ थी। अंजान ने अपनी भाषण कला के जरिए यूपी की राजनीति में एक अलग मुकाम हासिल किया था। अंजान यूपी के पुलिस-पीएसी विद्रोह के प्रमुख नेताओं में से एक थे। अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने 4 साल सलाखों के पीछे गए।