थानाध्यक्ष कंधई त्रिलोकी नाथ पाण्डेय ने दलित महिला को दिलाया इंसाफ, दबंग पड़ोसियों द्वारा दबंगई दिखाते हुए जो बाउंड्रीवाल एक दिन पहले तोड़ दी थी, उसे दूसरे दिन बनवा दिया
प्रतापगढ़। आज कथनी और करनी में बड़ा अंतर हो चुका है। फिर भी कुछ लोग नैतिकता में विश्वास करने वाले हैं जो अनैतिक कार्य को अस्वीकार कर सच की मदद कर समाज में सत्यमेव जयते की मिशाल को जीवंत किये हुए हैं। कंधई थाना क्षेत्र के इटवा गाँव में दलित बस्ती में इन्द्रावती हरिजन पत्नी विजय कुमार हरिजन को उसके दबंग पड़ोसियों ने शनिवार सुबह 10बजे उसे घेरकर उस समय मारना शुरू किया जब वह अपनी पुश्तैनी आबादी में उन बदमाश और सरहंग पड़ोसियों को जबरन टीन सेड लगाने से मना करने लगी थी। इन्द्रावती हरिजन अपने नाना की गद्दी पर अपने पति और बच्चों के साथ रहती है और अत्यंत गरीब महिला है।
किसी महिला की आबादी की भूमि में इस तरह जबरन कब्जा करना कानून के प्रति लेशमात्र का खौफ न होना साबित करता है, परन्तु घटना की गंभीरता को थानाध्यक्ष ने संज्ञान में लेते हुए स्वयं मौके पर जाकर असलियत खंगाला और दबंग पड़ोसियों को कड़े लहजे में हिदायत दिया कि टूटी हुई दीवाल को पुनः बनवाए, अन्यथा जेल जाने के लिए तैयार रहे। थानाध्यक्ष कंधई त्रिलोकी नाथ पाण्डेय के पहुँचने से पहले ही आरोपीगण घर छोड़कर फरार हो गए थे। आरोपीगण के घर की महिलाओं को थानाध्यक्ष ने जमकर फटकार लगाई। दूसरे दिन अपने किये वादे को थानाध्यक्ष कंधई त्रिलोकी नाथ पाण्डेय ने पूरा किया और दलित और असहाय एवं गरीब महिला को न्याय दिलाने का कार्य किया।
इन्द्रावती हरिजन पत्नी विजय कुमार हरिजन निवासी ग्राम- इटवा थाना- कंधई, परगना व तहसील- पट्टी, जनपद- प्रतापगढ़ की है। वह अपने नाना नन्हकू पुत्र धनीराम के जीवन काल से ही उनके साथ रहती थी, जिससे वह खुशा होकर अपने जीवन काल में रजिस्टर्ड वसीयत उसके पक्ष में कर दिया था जो उनकी मृत्यु के उपरांत प्रार्थिनी के नाम सरकारी अभिलेखों में दर्ज हो चुका है। अपने ननिहाल में अपने नाना जी के आबादी वाली सम्पत्ति पर काबिज दखील होकर सपरिवार रह रही है। दिनांक – 02/07/2022 समय लगभग 10 से 11 के बीच में उसकी आबादी की जमीन पर सरहंगई और दबंगई के बल पर उसके पड़ोसी संतलाल पुत्र राम गरीब, और उनके दबंग लड़कों प्रेम चन्द्र, दीपक, बहादुर द्वारा टीना रखकर जबरन कब्जा करने लगे।
दबंग पड़ोसियों का मनोबल इतना अधिक बढ़ा हुआ था कि इन्द्रावती हरिजन के मना करने पर उक्त चारों लोग लाठी, डंडा, फावड़ा व गहदाला लेकर उसको घेर लिया और गिराकर मारने लगे तो उसने गुहार लगाई तो उसकी बहन नीलम व शीला पुत्री राम अभिलाष एवं उसका विजय कुमार उसे छुड़ाने पहुंचे तो नीलम व शीला और विजय को भी उन बेखौफ दबंगों ने जमकर मारा पीटा। हल्ला गुहार सुनकर जब और लोग मौके पर पहुंचे तो जाकर उसकी व उसकी बहन नीलम व शीला एवं पति विजय कुमार की जान बची। प्रेम चन्द्र, दीपक, बहादुर और उनके पिता संतलाल ने पीड़िता और उसके परिजनों को भद्दी-भद्दी गालियाँ देते हुए सामूहिक नरसंहार कर देने की धमकी देते हुए अपने घर चले गए।
25 साल पुरानी बाउंड्रीवाल को जिन दबंग पड़ोसियों ने जबरन गुंडई के बल पर गिरा दिया था। उस बाउंड्रीवाल को थानाध्यक्ष कंधई त्रिलोकी नाथ पाण्डेय ने बनवाकर दलित और निर्बल महिला को न्याय दिलाने का कार्य किया, जिसकी क्षेत्र में चारों तरफ प्रसंशा हो रही है। हालांकि दबंग और मनबढ़ पड़ोसी अभी भी बाउंड्रीवाल को गिरा देने की धमकी दे रहे हैं। उक्त प्रकरण की सच्चाई पता किया गया तो दबंग पड़ोसियों ने स्थानीय एक दलाल को लगभग 50 हजार रूपये में 25 साल पुरानी बाउंड्रीवाल को गिराने का ठेका दिया था और वह दलाल स्वयं का पत्रकार भी बताया करता है। जब थानाध्यक्ष कंधई त्रिलोकी नाथ पाण्डेय ने दबंग पड़ोसियों द्वारा तोड़ी गई 25 साल पुरानी बाउंड्रीवाल को पुनः जोड़वा दिया तो दलाल पत्रकार की दलाली की पोल खुल गई और नई रणनीति बनाने का कार्य शुरू हुआ है। देखना है कि दलाल पत्रकार महोदय अब कौन सी रणनीति अपनाते हैं ? फिलहाल दलाल पत्रकार जी की क्षेत्र में बहुत जग हंसाई हो रही है।