चिराग पासवान, जयंत चौधरी, अनुप्रिया पटेल समेत कई नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने स्पीकर और प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी लिखकर संसद से सेंगोल हटाने की मांग की है। आरके चौधरी ने स्पीकर को चिट्ठी लिखकर कहा है कि सेंगोल राजा-महाराजाओं का प्रतीक है, इसे संसद से हटा देना चाहिए। आरके चौधरी की चिट्ठी के बाद एक बार फिर सेंगोल को लेकर सियासी घमासान मच गया है। इस पर कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
अब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अपने सांसद के बचाव में उतर आए हैं। संसद से सेंगोल हटाए जाने के सवाल पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे लगता है कि हमारे सांसद इसलिए कह रहे होंगे कि जब संसद में पहली बार सेंगोल लगा था तो प्रधानमंत्री जी ने प्रणाम किया था। इस बार शपथ लेते हुए वह भूल गए, इसी को याद दिलाने के लिए पार्टी के सांसद ने पत्र लिखा है।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जब सेंगोल संसद में स्थापित हुआ था तो उस वक्त भी सपा संसद में थी, सपा सांसद तब क्या कर रहे थे ?
सेंगोल पर सपा सांसद आरके चौधरी की टिप्पणी पर केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि उन्होंने क्या सोचा है कि रोज कुछ ऐसी बात बोलें जिससे हम चर्चा में आ जाएं। इन बातों का कोई अर्थ नहीं है।वहीं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि पीएम मोदी ने जो किया वह सही किया है।सेंगोल को संसद में रहना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सेंगोल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मेरी समझ के परे है कि आपकी जनता ने विकास कार्यों के लिए चुना है कि यहां पर आकर इस तरीके की विवादित राजनीति करने के लिए। जिस तरीके से ऐसे प्रतीकों गलत तरीकों से दिखाने का प्रयास किया गया, आज जब हमारे प्रधानमंत्री द्वारा उन प्रतीकों को उचित सम्मान दिया है तो उन्हें क्यों ऐतराज होता है।विपक्ष एक साथ आकर आगे बढ़ने का प्रयास करे न कि बटवारे की राजनीति करे।