सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की बिना अनुमति लगाई मूर्ति,नगर पालिका ने 24 घंटे का दिया अल्टीमेटम,जानें पूरा मामला
हरदोई। उत्तर प्रदेश के हरदोई में समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर जिलाध्यक्ष वीरेंद्र यादव उर्फ वीरे को सपा संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की मूर्ति स्थापित करना महंगा पड़ गया। बिना अनुमति नगर पालिका की जमीन पर मूर्ति लगाने पर नगर पालिका ने नोटिस देकर 24 घंटे में मूर्ति हटवाने के लिए कहा है। दरअसल नगर पालिका परिसर से कुछ दूरी पर ही सपा का कार्यालय है,जो नगर पालिका की जमीन है। काफी समय पहले पूर्व विधायक स्वर्गीय विश्राम सिंह ने ये जमीन आवंटित की थी।
अब यहां जिलाध्यक्ष वीरेंद्र यादव उर्फ वीरे यादव ने पक्का चबूतरा बनवाकर उस पर स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की लगभग 6 फीट की मूर्ति स्थापित कर दी है। नगर पालिका को जैसे ही इसकी भनक लगी वो आनंन-फानन में जिलाध्यक्ष को नोटिस दिया और एक नोटिस कार्यालय पर चस्पा कर दिया। नोटिस के जरिए हिदायत दी गई है कि 24 घंटे के अंदर खुद मूर्ति हटा लें नहीं तो प्रशासन कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा। अब देखना यह होगा कि देश के इतने बड़े नेता की मूर्ति जिलाध्यक्ष खुद हटाते हैं या फिर प्रशासन।
नगर पालिका ने सपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र यादव उर्फ वीरे को नोटिस देते हुए यह जिक्र किया है कि नगर पालिका की ओर से संगठित विकास योजना के तहत एक से आठ तक व्यावसायिक भवन नगर पालिका परिसर की बोर्ड प्रस्ताव संख्या- 4 जुलाई 2013 को आस्थाई आवंटित की गई थी। पूर्व में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष/विधायक स्वर्गीय विश्राम सिंह यादव ने 1994 में प्रार्थना पत्र पर 2, 3, 4 एवं 7 को व्यवसायिक आवंटन करने की मांग की गई थी, लेकिन एक से आठ तक की दुकानों को व्यवसायिक नहीं बनाकर उसमें सपा का दफ्तर खोल दिया गया। बिना पालिका की अनुमति लिए सपा ने कार्यालय के हॉल और बैठक का निर्माण कर लिया गया।
नगर पालिका ने अपने नोटिस में ये भी जिक्र किया है कि अध्यक्ष की ओर से तीन माह तक किराया नहीं दिया जाता है। उनके अनुबंध को कैंसिल करने का अधिकार नगर पालिका को होगा। नोटिस में ये भी जिक्र किया कि बिना प्रशासन की अनुमति कोई भी मूर्ति लगवाने का अधिकार उनको नहीं है। बिना अनुमति नगर पालिका की जमीन पर मूर्ति स्थापित की गई। नगर पालिका प्रशासन ने सपा जिलाध्यक्ष से कहा है कि 24 घंटे में खुद मूर्ति हटा लें, वर्ना पालिका प्रशासन खुद ही मूर्ति हटवाएगा, जिसका खर्चा जिलाध्यक्ष से वसूला जाएगा।