पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने प्रेस वार्ता कर गांजा तस्करी का बड़ा खुलासा करते हुए विपिन जायसवाल उर्फ सोनू को सरगना बताया था, बाद में राजनैतिक रसूख और धन बल के आगे पुलिस ने टेक दिए थे, घुटने…
➤गाँजे की तस्करी का सरगना सोनू जायसवाल भी उसी तरह बच निकला,जिस तरह प्रतापगढ़ में शराब माफियाओं के ऊपर दर्ज हुए मुकदमें में विवेचना के दौरान उनके नाम मोटी रकम खाकर विवेचना अधिकारी उसे बरी कर देते हैं…
प्रतापगढ़। एक बार फिर पुलिस अपने ही बुने जाल में उलझती नजर आ रही है। ताजा मामला जनपद प्रतापगढ़ के कोहड़ौर थाना क्षेत्र और मदाफरपुर पुलिस चौकी क्षेत्र से जुड़े इलाके में गांजा विक्री पर रोक न लगा पाने पर इन्स्पेक्टर कोहड़ौर व मदाफरपुर चौकी प्रभारी के साथ ही चौकी के सभी सिपाहियो को पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल लाइन हाजिर कर दिया है। आज प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल मीडिया की सुर्खियों में सारा दिन बने रहे। परन्तु एसपी प्रतापगढ़ सतपाल अंतिल की इस कार्रवाई से कई सवाल खड़े हो गए है। बड़े साहब को जब सब जानकारी है तो गांजा बेचने वालो के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नही हुई ? पर्यवेक्षणीय अधिकारी की क्या कोई जबाबदेही नही बनती ? इस अवैध कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए यह पर्याप्त कार्यवाही नहीं है। इस अवैध कारोबार में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से शामिल सभी के विरुद्ध जब तक ठोस कार्यवाही (चल अचल संपत्ति जब्त) नहीं होगी, तब तक यह अवैध कारोबार रुकने वाला नही है। उस पुलिस अफसर के लिए लाइन हाजिर कर देना कोई सजा ही नहीं है। चंद दिनों में फिर से किसी थाने का चार्ज मिल जायेगा। जिस तरह तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने प्रेस वार्ता कर गांजा तस्कर के सरगना सोनू जायसवाल के नाम का खुलासा किया और बाद में फीलगुड करके उसे वही पुलिस क्लीन चित दे दी थी, उसी तरह पुलिस के अफसरों पर गांजा बेचवाने का आरोप लगता रहता है।
प्रतापगढ़ में गाँजा तस्करी के सरगना सोनू जायसवाल किस राजनीतिक ब्यक्ति का खास है, इसे लेकर माननीयो में भी रार मची रही। राजनैतिक संरक्षण और पुलिस की निष्क्रियता से एक पखवारा बीत जाने के बाद भी नहीं पकड़ा गया गाँजा तस्करी का सरगना। कुछ दिन पूर्व एसपी ने किया था 1 लाख, 60 हजार कीमत के गांजे के काले कारोबार का खुलासा। शोसल मीडिया पर सांसद के साथ गाँजा तस्कर ग्राम प्रधान सोनू जायसवाल की फोटो पोस्ट कर सांसद संगम लाल गुप्ता का करीबी होने का दावा किया जा रहा था। फिर क्या था सोशल मीडिया पर प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता द्वारा कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के साथ गाँजा तस्करी का सरगना सोनू जायसवाल के साथ मंत्री मोती सिंह की तस्वीर सोशल मीडिया में पोस्ट कर ये सन्देश देने का प्रयास किया गया था कि सोनू जायसवाल उनका ही नहीं, मंत्री जी का भी खास है। शोसल मीडिया पर सांसद ने की पोस्ट तो सियासी गलियारों में कुछ देर के लिए तूफान खड़ा हो गया।
सांसद संगम लाल ने छेड़ा राग भैरवी कि सोनू जायसवाल मेरा ही नहीं मंत्री मोती सिंह जी का भी खास है…
चूँकि सांसद संगम लाल गुप्ता और मंत्री मोती सिंह एक ही दल भाजपा से हैं और सांसद स्वयं अपने व्हाट्सएप नम्बर से व्हाट्सएप ग्रुपों पर पोस्ट की थी तो सियासी पारा गर्म होना ही था, परन्तु कुछ ही दिनों में वह भी शांत हो गया। सरगना की गिरफ्तारी कराने के बजाय एक दूसरे नेताओं का करीबी बताकर सांसद संगम लाल गुप्ता भाजपा की किरकिरी कराने से बाज़ नहीं आये थे। गाँजा तस्करी के सरगना का सम्बन्ध सत्ता पक्ष के नेताओं से होने पर विपक्ष चुटकी लिया था। आखिर पुलिस को चकमा देकर लुकाछुपी का खेल, खेल रहा आरोपित गांजा तस्कर सोनू जायसवाल पुलिस की गिरफ्त में कब आएगा, यही सोचते रह गए थे, लोग ! जिले के लोगों को प्रतापगढ़ पुलिस के अगले कदम का इंतजार रहा, परन्तु पुलिस के रवैये से लोग उसी समय यह मानने लगे थे कि सोनू जायसवाल सबकुछ मैनेज कर लेगा। वहीं गाँजा तस्करी का सरगना सोनू जायसवाल शोसल मीडिया पर राजनीतिक साजिश में फसाने की गुहार भी लगाटा रहा। पुलिस गाँजा तस्करी के सरगना को जहाँ दिन रात एक कर खोजने का दावा कर रही थी तो वहीं उसे गिरफ्तार तक नहीं कर सकी। गाँजा तस्करी का सरगना सोनू जायसवाल दर्जनों गुर्गे सेट कर मामले को मैनेज कराने में जुटा रहा और अंततोगत्वा वह कामयाब रहा। वह पुलिस से सम्बन्ध बनाकर बच निकला।
प्रेस वार्ता में गाँजा तस्करी के सरगना का नाम का खुलासा करते पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह….
पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह से जिले को लोगों को उम्मीदे थी कि अन्तर्राज्यीय गांजा तस्कर गिरोह का सरगना विपिन कुमार उर्फ सोनू जायसवाल को जमीन खा गई या आसमान निगल गया था, जिसे पुलिस खोज न सकी। जबकि गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित की गयी थी। शासन सत्ता की हनक के साथ गाँजे की तस्करी करने वाले गिरोह के सरगना को किस राजनैतिक दबाव में खाकी ने अभयदान दे दिया। 2 कुंतल, 85 किलो गाँजा लदी सफारी और इंडिगो महीनों की मसक्कत के बाद बरामद करने वाली प्रतापगढ़ की पुलिस 4 तस्करों को गिरफ्तार कर 25 किलो बेंचे हुए गांजे की कीमत 1 लाख, 60 हजार बताते हुए सभी को जेल भेज दिया था। अब जब सरगना की गिरफ्तारी की बात आई तो प्रतापगढ़ की पुलिस सरगना पर हांथ डालने से डरने लगी। जबकि प्रेसवार्ता में एसपी अभिषेक सिंह ने सरगना सोनू जायसवाल समेत 4 लोगों के जल्द गिरफ्तारी का दावा किया था। बड़ा सवाल है कि यदि ऐसे ही खाकी दबाव में काम करेगी तो आम जनता में पुलिस का विश्वास कैसे रहेगा बरकरार ? अपराध पर कैसे पुलिस लगाएगी विराम…???
गाँजा तस्करी के सरगना सोनू जायसवाल इलाकाई नेताओं में से एक हैं। इलाके में अपनी चमक दमक बनी रहे इसके लिए सोनू जायसवाल जैसे इलाकाई नेता समय-समय पर अपना नेता बदल लेते हैं। जब पट्टी विधानसभा में वर्ष-2012 में मंत्री मोती सिंह चुनाव हार गए और समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले डकैत ददुआ के भतीजे राम सिंह विधायक बने तो सोनू जायसवाल राम सिंह के साथ हो लिए। वर्ष-2017 में भाजपा और अपना दल एस के संयुक्त उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता के चुनाव में सोनू जायसवाल संगम लाल गुप्ता के साथ हो लिए। अब उत्तर प्रदेश में योगी की सरकार बनी तो मोती सिंह कैबिनेट मंत्री बने। अब सोनू जायसवाल के लिए दो नावों पर सवारी करने जैसा हो गया। चूँकि विधायक संगम लाल गुप्ता और मंत्री मोती सिंह में राजनैतिक प्रतिद्वंदिता चल रही थी। सोनू जायसवाल की स्थिति साँप छंछूदर जैसी हो गई थी। फिलहाल सोनू जायसवाल दोनों हाथों में खेलने लगे। कोहड़ौर बाजार में जायसवाल बंधुओं की सरेशाम हत्या के बाद उनके परिजनों और बाजार वासियों ने शवों को रखकर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया था। सांसद हरिवंश सिंह को लोगों ने गाली भी दिया और अपमानित कर कोहड़ौर बाजार से भगा दिया था।
कोहड़ौर बाजार में ब्यापारी बंधुओं के साथ गोली मारकर हत्या की घटना घटित होते ही विधायक संगम लाल गुप्ता जिला अस्पताल पहुँचे और ब्यापारी बंधुओं की हत्या से नाराज ब्यापारियों ने विधायक को भी सरकार के खिलाफ धरने पर जबरन बैठा लिया था। मामला बिगड़ता देख सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी अपने प्रतिनिधि के रूप में मोती सिंह को कोहड़ौर बाजार भेजकर मामले को हैंडिल करने का फरमान सुनाया था। मंत्री मोती सिंह के आते ही यही सोनू जायसवाल और इनके पिता अरविन्द जायसवाल उर्फ पप्पू ने मंत्री जी के नाम का नारा भी लगाया और जायसवाल बंधुओं की हत्या से नाराज लोगों को मनाकर सारी क्रेडिट मंत्री जी को दिलाकर पुराने सभी गिले शिकवे को दूर करने का प्रयास किया था। इस बात का एहसास विधयक संगम लाल गुप्ता को भी हो गया था। चूँकि जिन माँगों पर मामला खत्म हुआ, उतनी मांग तो विधायक संगम लाल गुप्ता मध्य रात्रि में ही दिलाने के लिए कटिबद्ध थे। सच्चाई की बात करें तो सोनू जायसवाल न तो मंत्री मोती सिंह के खास रह सके और न ही सांसद संगम लाल गुप्ता के रह पाए। इसीलिये आज उन्हें अपने बचाव में ये कहना पड़ रहा है कि उनके साथ राजनैतिक साजिश की जा रही है।
➤बड़ा सवाल है कि आखिर गाँजा तस्करी का आरोपी सोनू जायसवाल किसका शागिर्द है, पूर्व मंत्री मोती सिंह का या सांसद संगम लाल गुप्ता…???
“प्रधान संघ-मंगरौरा ब्लाक का अध्यक्ष एवं गाँजे की तस्करी का सरगना व मदाफरपुर ग्राम सभा का प्रधान सोनू जायसवाल तो पुलिस गिरफ्त से दूर रहा, परन्तु गाँजे की महक अखबार के दफ्तरों तक पहुँचने की चर्चा जिले में जोरों से है। सोनू जायसवाल (प्रधान संघ मंगरौरा ब्लाक) के पिता अरविन्द जायसवाल उर्फ पप्पू और सोनू का एक शागिर्द स्थानीय पत्रकार मीडिया को फीलगुड कराने की चर्चा चारो तरफ है। सूत्रों की बातों पर यकीं करें तो सोनू जायसवाल खुद पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बगल एक जूस की दुकान पर बैठे देखे गए। प्रतापगढ़ में पत्रकारों को लिफाफा और गिफ्ट देना इतना आसान नहीं रहा, क्योंकि उद्योग विहीन जिला प्रतापगढ़ में पत्रकारों की भरमार है। ऐसे में सबको मैनेज कर पाना सबके बस की बात नहीं। फिलहाल इस बात की जानकारी जैसे हुई तो छूट हुए पत्रकार बंधुओं ने व्हाट्सएप ग्रुपों पर ब्रेकिंग लिखना शुरू कर दिया था। हम तो यही कह सकते हैं कि लिफाफा जिस मीडिया पर्सन को उस समय तक नहीं मिल सका था, वो अपना धैर्य बनाये रखे। देर सबेर चिलम भर गाँजा उन्हें भी जरुर मिल जायेगा। सोनू जायसवाल द्वारा शुरुवात में उन प्रमुख-प्रमुख लोगों को मैनेज किया गया, जो उन्हें इस दलदल से निकाल कर बाहर कर सके। बदनामी का लिबास उतारकर फिर से रसूखदार की श्रेणी में ला सके…”
हकीकत की बात करें तो पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ कार्यायल के बगल ही जिस जूस की दुकान पर गाँजा तस्करी का सरगना खुद सोनू जायसवाल बैठकर अपना नाम मुकदमें से बाहर करने के लिए अपनी गोटी बिछा रहा था। वो नजारा देखकर लग गया था कि कुछ ही दिनों में सबकुछ मैनेज हो जाएगा। प्रतापगढ़ पुलिस जिस गाँजा तस्करी के सरगना की तलाश 24 घण्टे कर रही थी, वह उनकी गोद में खेल रहा था। है न कमाल की बात। गजब की थेथरई पुलिस की भी है। गाँजे की तस्करी का सरगना भी उसी तरह बच निकला, जिस तरह प्रतापगढ़ में शराब माफियाओं के ऊपर दर्ज हुए मुकदमें में विवेचना के दौरान उनके नाम मोटी रकम खाकर विवेचना अधिकारी उसे बरी कर देता है। मंगरौरा ब्लाक के प्रधान संघ अध्यक्ष विपिन जायसवाल उर्फ सोनू पर कोहड़ौर थाने में आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। जमीन कब्जा करने, हमला करने समेत, सरकारी कामकाज में बाधा डालने सहित कई संगीन मामले में सोनू जायसवाल पर आपराधिक मामले दर्ज है। कंधई थाने में भी प्रधान संघ के अध्यक्ष पर संगीन अपराध करने का एफआईआर दर्ज है। गैंगस्टर एक्ट के तहत कोहड़ौर थाने में कार्रवाई हुई थी। यही नहीं गुंडा एक्ट के साथ-साथ जिला बदर की कार्यवाही पहले भी हुई थी। मंगरौरा ब्लाक प्रधान संघ के अध्यक्ष विपिन कुमार उर्फ सोनू जायसवाल कोहड़ौर थाना इलाके के मदाफरपुर के रहने वाले हैं। गाँजा तस्करी में सोनू जायसवाल का नाम उछलने के बाद प्रधान संघ उनसे किनारा कर लिया था।