डॉक्टर घनश्याम तिवारी के हत्यारोपी की गोली मारकर हत्या, जमानत पर छूटा था, अज्ञात बदमाशों ने गोलियों से भूना
सुलतानपुर। उत्तर प्रदेश के जनपद सुलतानपुर में रविवार की देरशाम को बाइक सवार एक बदमाश ने दरियापुर तिराहे के पास दो युवकों पर ताबड़तोड़ गोलियां दाग दीं। इस घटना में चर्चित डॉ. घनश्याम तिवारी हत्याकांड में हाल ही में जमानत पर छूटे हत्यारोपी विजय नारायण सिंह की मौत हो गई है। एक अन्य युवक घायल है, जिसका राजकीय मेडिकल कॉलेज में इलाज जारी है। अपराधियों के साथ इसी तरह की घटना घटित होती है। शेर का सवा शेर पैदा होता है और एक अपराधी दूसरे अपराधी को मार देता है।
जिस निर्दयता के साथ डॉक्टर घनश्याम तिवारी की हत्या को विजय नारायण सिंह ने अंजाम दिया था, वह अमानवीय था
एसपी सोमेन वर्मा ने दल बल के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया है। सुल्तानपुर। भाजपा युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष के भाई व भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष के भतीजे की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोली लगने से एक अन्य युवक घायल हो गया, जिसे लखनऊ रिफर कर दिया गया। बाइक सवार बदमाश वारदात को अंजाम देकर हुए फरार हो गए। चर्चित डॉक्टर घनश्याम तिवारी हत्याकांड मामले में मृतक युवक विजय नारायण सिंह आरोपित रहा है। मृतक अभी हाल ही में जेल से जमानत पर बाहर आया था। घायल युवक अनुज शर्मा गंभीर को हालत में लखनऊ रेफर किया गया। कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के दरियापुर इलाके में हुई वारदात। घटना से क्षेत्र में हड़कंप गया। गोली मरकर की गई हत्या से कोतवाली नगर पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं।
अज्ञात बाइक सवार बेख़ौफ़ बदमाशों ने बरसाई ताबड़तोड़ गोलियां
बता दें कि कोतवाली नगर के दरियापुर तिराहे के पास स्थित होटल पल्लवी के पास रविवार शाम उस समय अफरा तफरी मच गई, जब बाइक सवार बदमाश ने दो युवकों को गोली मार दी। घटना को अंजाम देकर बदमाश बाइक से फरार हो गये, इसके बाद स्थानीय लोगों की भीड़ मौके पर जमा हो गई। लोगों ने पुलिस को सूचना दिया। जिस पर एसपी सोमेन वर्मा, एएसपी, सीओ सिटी, नगर कोतवाल मौके पर पहुंचे। दोनों घायलों को राजकीय मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टर ने कोतवाली नगर के नारायणपुर निवासी विजय नारायण सिंह को मृत घोषित कर दिया। विजय नारायण सिंह की हत्या किसने की यह तो जाँच का विषय है, परन्तु जनमानस में लोग आपस में ये कहते सुने गए कि जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा। डॉ घनश्याम तिवारी की हत्या के बाद क्षेत्र में कई दिनों तक तनाव बना हुआ था। सूबे के योगी सरकार और उनकी पुलिस पर सवाल खड़ा किया गया था कि इस बार हत्यारोपी एक ख़ास जाति से है और सत्ताधारी दल के पदाधिकारी है।