आगरा मेट्रो या आफत; टनल की मशीनों से हिलने लगती है धरती, घरों में आ गई दरार, मौत के साये में जी रहे लोग
उत्तर प्रदेश आगरा में मेट्रो रेल की खुदाई से सैकड़ों परिवारों की जान आफत में आ गई है। लोगों के घरों की दीवारें दरक गई हैं। दरवाजों की चौखट टेड़ी और फर्श ऊपर नीचे हो गए हैं। सीढ़ियां अपनी जगह से खिसक गई हैं। कई मकान तो इतने झुक गए हैं कि वे दूसरे मकान के सट गए हैं। हालात इस कदर चिंताजनक हैं कि जब टनल खुदाई की मशीन टीबीएल (टनल बोरिंग मशीन) चलती है तो घरों के सामान और दीवारें हिलने लगती हैं। पलंग हिलता है। अलमारी हिलती हैं। मौत का डर है, लेकिन फिर भी रहना मजबूरी है। आगरा के मोती कटरा गली के ये हालात हैं, जहां पर 2 महीने से अंडरग्राउंड मेट्रो रेल खुदाई का काम चल रहा है।
मोती कटरा की रहने वाली सोनम अग्रवाल बताती हैं कि उनके घर में 6 लोग हैं। 30 सितंबर को मेट्रो के अधिकारी उनके घर पर आए और उन्हें घर खाली करने के लिए कहा। सोनम का दो मंजिला का मकान है। मेट्रो रेल की खुदाई के कारण उनका घर चटक गया। घर की मरम्मत कराई गई। इसके बाद उन्हें 26 अक्टूबर को वापस घर में रहने के लिए बोल दिया गया। वे तब से अपने घर में रह रही हैं।
मौत के खौफ में जी रहें सभी…
सोनम ने बताया कि मरम्मत के बाद फिर से घर की दीवारें दरक गई हैं। पूरा घर टेड़ा हो गया है। हर तरफ जैक लगा दिए गए हैं, लेकिन फिर भी दीवारों में दरारे आ गई हैं। जमीन का फर्श एक तरफ झुक गया है। ऐसे हालात में हर दिन उनका परिवार मौत के खौफ में जी रहा है।
यूपीएमआरसी ने नहीं कराया सर्वे…
मोती कटरा के रहने वाले रवि अग्रवाल का कहना है कि यूपीएमआरसी ने मेट्रो खुदाई से पहले क्षेत्र का कोई सर्वे नहीं कराया था। जब लोगों के मकान टूटने और दीवारें दरकने लगीं तो उन्हें सर्वे की याद आई है। अब मेट्रो अधिकारी ग्राउटिंग करवा रहे हैं। मिट्टी के नमूने लेकर गए हैं। सरकार का 9 हजार करोड़ का प्रोजक्ट है और टेक्नोलॉजी कोई नहीं। इलेक्ट्रॉनिक सामान की दुकान चलाने वाले संतोष वर्मा के घर के दोनों मंजिल पर जैक लगे हुए हैं। संतोष का कहना है कि डर और दहशत में रहने को मजबूर हैं।
500 रुपये प्रति व्यक्ति का खर्चा…
मोती कटरा के बल्ली बाबा महंत के मकान में 12 लोग रहते हैं, उनका घर गिरने की स्थिति में पहुंच गया है। जैक लगाकर मकान को रोका हुआ है। वे कल (गुरुवार) अपना मकान खाली कर देंगे। मेट्रो के अधिकारियों ने उन्हें दूसरे स्थान पर रहने के लिए बोल दिया है। इसके लिए वे प्रति व्यक्ति के हिसाब से 500 रुपये दे रहे हैं। स्थानीय निवासी सुधीर वर्मा मकान के हालात भी ऐसे ही हैं। पुराने समय का मकान है। लकड़ियों से छत बनी हुई है। जैक लगे होने के कारण मकान बचा है, नहीं तो कब का गिर जाता। हालांकि वे अब भी इन्हीं हालातों के बीच इन मकानों में रह रहे हैं।
नया घर सामने वाले के छज्जे पर टिका…
गौरव शर्मा महंत हैं। उनके घर में माता का मंदिर बना हुआ है। घर में 12 लोग रहते हैं। दो महीने पहले जब मेट्रो रेल की खुदाई शुरू हुई तो उनका मकान इतना झुक गया कि दूसरे मकान के छज्जे पर आकर टिक गया। उन्होंने अपना मकान नया बनवाया था। गौरव शर्मा बताते हैं कि वे 2 महीने से मकान में नहीं रह रहे हैं। सुबह-शाम मंदिर को देखने के लिए आते हैं। छोटे-छोटे बच्चे हैं, इसलिए डर सताता है। अधिकारी और नेता सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं। अभी तक कोई इंतजाम नहीं हुआ है।
मशीन चलते ही होता है कंपन…
सुधीर वर्मा का कहना है कि टनल की मशीन चलती है तो कंपन होता है। अभी तो मशीन घर के पीछे की ओर चल रही है। जब आगे की ओर बढ़ेगी तो क्या होगा? मंगलवार को मेट्रो के अधिकारी आकर घर खाली करने के लिए बोल गए हैं। रात में काम होता है तो डर लगता है। राकेश वर्मा कहते हैं कि उनके घर जैसे थे, वैसे बनाकर दिए जाएं, नहीं तो उन्हें अच्छा मुआवजा दिया जाए। अनिकेत गुप्ता कहना है कि 2 महीने से मोती कटरा के लोग परेशान हैं। पहले घर खाली करा दिए फिर उन्हें वापस बुला लिया गया। अब फिर से मकानों की दीवारों में दरार आ गई है। रात में जब मशीन चलती है तो दिल दहल उठता है।
आगरा डीएम कर चुके हैं सर्वे…
आगरा जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने मोटी कटरा के क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वे किया है। उन्होंने लोगों को मुश्किल होने पर दूसरे स्थान पर रहने के लिए कहा था। इसके अलावा जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए भी आश्वासन दिया है। कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने भी लोगों केा आश्वासन दिया है।