फेंक अश्लील चैट बनाने वाले गिरोह का चेहरा हुआ बेनकाब, पुलिस ने एक कथित पत्रकार समेत भाई और भतीजे के खिलाफ दर्ज किया एफआईआर
प्रतापगढ़ जनपद में साइबर अपराधी हुए सक्रिय, आम लोगों को कर रहे हैं, टार्गेट
प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ में फर्जी व्हाट्सएप चैट तैयार कर उसे वायरल करने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर फैशन गारमेंट के दुकानदार अजय यादव की शिकायत पर कोहंडौर थाने में दर्ज की गई है। कपड़ा व्यापारी अजय यादव ने 23 जुलाई, 2024 को कोहंडौर थाने में प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया कि 21 जुलाई को उनके मोबाइल पर मोबाइल नंबर- 8932900302 से एक अज्ञात व्यक्ति ने व्हाट्सएप चैट किया और उन्हें धमकाया कि वह किसी लड़की से अश्लील चैट कर रहे हैं और इसकी सूचना पुलिस को दे दी गई है। यह नम्बर कुंडा निवासी शैलेन्द्र विश्वकर्मा का है।
कोहंडौर थाने की पुलिस दूसरे दिन अजय यादव को थाने बुलाकर इस अश्लील चैट के संबंध में पूछताछ की। चैट में दिखाया गया था कि अजय यादव एक नवविवाहित महिला को कपड़े उधार देकर बदले में उससे अश्लीलता कर रहे थे। अजय यादव ने बताया कि उनकी दुकान से किसी को कपड़े उधार नहीं दिए जाते और यह पूरी तरह से झूठा और भ्रामक मामला है। अजय यादव ने मोबाइल नंबर- 8932900302 की जांच की तो वह शैलेन्द्र विश्वकर्मा के नाम से पंजीकृत पाया गया। इसके बाद पुलिस ने इस मामले की गहराई से छानबीन की और पाया कि इस फर्जी चैट को व्हाट्सएप ग्रुप पर अभिषेक मिश्रा एडवोकेट हाईकोर्ट के नाम से पंजीकृत मोबाइल नंबर से वायरल किया गया था।
पीड़ित अजय यादव जो फैशन गारमेंट नाम की रेडीमेट कपड़े की दुकान का मालिक है, उसके मुताविक उसकी दुकान और उसे बदनाम करने की नियत से एक साजिश के तहत रंजिशन योजनाबद्ध तरीके से गैंग बनकर अलग-अलग मोबाइल नम्बर- 7071907237 व मोबाइल नम्बर- 9454126986 से अश्लील चैट मैसेज को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया, वह नम्बर अजय जायसवाल सुत मोती जायसवाल, निवासी- मदाफरपुर का है। पीड़ित अजय यादव ने बताया कि उसका और अजय जायसवाल का जमीनी विवाद चल रहा है।
अजय यादव और उसकी फैशन गारमेंट की दुकान को बदनाम करने और सामाजिक ख्याति को गिराने की नियत से अश्लील चैट को सोशल मीडिया में प्रसारित किया गया। यह नंबर गांव के ही एक युवक का निकला। मोबाइल नम्बर- 7054344173 आलोक सुत अशोक जायसवाल व मोबाइल नम्बर- 9651519798 अशोक सुत मोती जायसवाल, निवासी- मदाफरपुर के द्वारा भी अश्लील फर्जी चैट को सोशल मीडिया पर वायरल किया पुलिस की जांच में पता चला कि इस फर्जी चैट प्रकरण के पीछे अजय जायसवाल, आलोक जायसवाल और अशोक जायसवाल का हाथ है। पुलिस ने इन तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
यह मामला भारत न्याय संहिता लागू होने के बाद प्रतापगढ़ का पहला मामला है, जिसमें कोहंडौर थाने में भारत न्याय संहिता-2023 की धारा- 351 (3) और सूचना प्रोद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम- 2008 की धारा- 67- A के तहत फेंक व्हाट्सएप चैट के मामले में एफआईआर दर्ज हुई है। इस घटना से स्पष्ट हो गया है कि प्रतापगढ़ में एक साइबर क्रिमिनल गैंग सक्रिय है जो फर्जी चैट बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर लोगों को परेशान कर रहा है। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और जल्द ही दोषियों को सजा दिलाने का आश्वासन दिया है। इस घटना ने शहर में साइबर सुरक्षा को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है और लोगों को अधिक सतर्क रहने की सलाह दी गई है।