उत्तरप्रदेशप्रतापगढ़ अधिवक्ता समाज को कंडोलेंस और हड़ताल जैसे असाध्य रोग से निजात पाने हेतु चिंतन करना होगा,क्योंकि वादकारी हित सर्वोपरि By Ramesh Tiwari Rajdar Last updated Feb 12, 2024 196 प्रतापगढ़ में अधिवक्ताओं की संख्या में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी होती जा रही है। परिवार बड़ा होगा तो परिवार के सदस्य की मौत भी होगी। इसलिए सभी अधिवक्ता बंधुओ से आग्रह है कि कचेहरी में कंडोलेंस हो पर कार्य से विरत होकर नहीं। कर्मयोग बने न कि कामचोरी का टैग लगाएं। मुवक्किल हित सर्वोपरि। आयेदिन कंडोलेंस से कार्य बाधित हो रहा है। कभी हड़ताड़ तो कभी कंडोलेंस। एक साल में 365 दिन होते हैं। देखा जाये तो 65दिन ही कार्य हो पाते हैं। हड़ताड़ और कंडोलेंस जैसे असाध्य रोग से अधिवक्ताओं को निकलना होगा। हड़ताड़ और कंडोलेंस का तरीका बदलना होगा। कार्य करने की आदत डालनी होगी। समाज में संदेश बहुत खराब जा रहा है। वकालत का प्रोफेशन बहुत इज्जत का माना जाता था, जिसमें अत्यधिक गिरावट आई है। काली कोट पहनकर न्याय दिलाने की शपथ लेने वाले अधिवक्ता अपनी बात भूल रहे हैं। निजी लाभ के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं, आधुनिक अधिवक्ता। समाचार 196 Share