कर्ज के बोझ तले दबे शख्स ने डेढ़ साल के बच्चे के साथ लगाई फांसी वारदात में बच्चे की हुई मौत फंदा टूटने से पिता की बच गई जान
छत्तीसगढ़ बतौली जिले के सरगुजा में कर्ज के बोझ से परेशान एक किसान की आत्महत्या से पसरे मातम के बीच एक और शख्स की आत्महत्या की खबर से ग्रामीण हैरत में है। इलाके में अवैध रूप से कर्ज देकर ब्याज में मोटी रकम वसूलने का धंधा जोर पकड़ने के बाद आत्महत्याओं का दौर शुरू हो गया है। कोई स्वंयभू साहूकारों की अवैध वसूली से परेशान है, तो कोई सरकारी बैंको में लोन की किश्त जमा करने को लेकर दो-चार हो रहा है। इस रस्साकसी के बीच जिले के बतौली थानाक्षेत्र के बांसाझाल में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। यहां कर्ज के बोझ से परेशान पिता ने अपने पुत्र के साथ जान देने की कोशिश की। आत्महत्या के प्रयास में उसके छोटे बेटे की मौत हो गई। जबकि फंदा टूटने से वो बच गया। मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक इस शख्स की पत्नी 2 महीने पहले स्थानीय लोगों से कर्ज लिया था। रकम लेकर वो दिल्ली चली गई। उधर साहूकारों ने कर्ज अदायगी को लेकर इस व्यक्ति पर जमकर दबाव बनाया।
तनाव से परेशान होकर इस पिता ने अपने पुत्र के साथ जान देने की ठान ली। वो बच्चे समेत फांसी पर झूल गया। लेकिन फंदा टूटने से उसकी तो जान बच गई लेकिन मात्र डेढ़ साल का उसका बेटा परलोक सिधार गया। इस मामले में जीजा की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने मामला पंजीबद्ध किया है। थाना प्रभारी प्रमोद कुमार पाण्डेय के मुताबिक घटना 3 नवंबर को सामने आई। उनके मुताबिक प्रार्थी विजय लकड़ा पिता राफेल लकड़ा (21 वर्ष) निवासी बेलजोरा थाना सीतापुर, को अपने साले रंजन खलखो के व्यवहार पर शक हुआ। परिजनों ने जब रंजन खलखो के कमरे में जाकर देखा, तो उनका छोटा बेटा आजाद रात में बिस्तर पर नहीं था। जबकि बड़ा बेटा अनमोल बिस्तर में दिखाई दिया। उसकी खोजबीन के बाद सुबह कुछ लोगों ने पास के इलाके में एक लाश के फेंके जाने की जानकारी परिजनों को दी। लाश की शिनाख्ती कर बतौली थाने में परिजनों ने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। उनके मुताबिक जांच के उपरांत आरोपी रंजन खलखो को गिरफ्तार किया गया है।