काशी में महाश्मशान घाट पर शवों का लगा महाजाम, संख्या पहुंची 300, पांच से छह घंटे इंतजार के बाद आ रहा है शवदाह का नंबर
वाराणसी। आध्यात्मिक नगरी काशी में महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर शवदाह के लिए महाजाम की हालत बन गई है। घाट से लेकर गलियों तक शव लिए हुए लोगों की भीड़ लगी हुई है। तीन दिनों में तापमान बढ़ने के बाद शवदाह के लिए आने वालों लोगों की संख्या में पांच गुना बढ़ोतरी हुई है। गुरुवार की मध्य रात्रि में तो शव लिए हुए लोगों की ऐसी भीड़ उमड़ी की घाट से लकड़ियां और पूजन सामग्री तक की किल्लत हो गई। बीती रात लगभग तीन सौ से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
शुक्रवार की दोपहर तक महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर शवदाह के लिए अनवरत कतार लगी रही। तापमान में रिकाॅर्ड बढ़ोतरी के बाद महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर बीती रात शवदाह करने वालों की लंबी लाइन लग गई थी। स्थिति यह हो गई कि मैदागिन के साथ ही भैंसासुर घाट से लेकर मणिकर्णिका तक शव लिए हुए लोग ही नजर आ रहे थे। जगह कम होने और भीड़ अधिक होने से एक शव को जलाने के लिए पांच से छह घंटे का इंतजार करना पड़ रहा था और दूसरी ओर से शव लेकर आने वाले लोगों के आने का सिलसिला भी बना हुआ है।
मशान नाथ सेवा समिति के संजय गुप्ता ने बताया कि भीड़ बढ़ने के कारण पहली बार मणिकर्णिका घाट से शवों को हरिश्चंद्र घाट के लिए रवाना कर दिया गया।महाश्मशाननाथ सेवा समिति के महामंत्री बिहारी लाल गुप्ता ने बताया कि गरमी बढ़ने के कारण दो दिनों में शवदाह के लिए भीड़ का दबाव अचानक बढ़ गया है। बीती रात तो भीड़ अप्रत्याशित हो गई। मणिकर्णिका घाट की ओर जाने वाली गली में से हर दो मिनट में एक शवयात्रा गुजर रही थी।
घाट पर रहने वाले त्रिलोक नाथ भैरव ने बताया कि आम दिनों में शवयात्रियों की संख्या 50 से 60 होती है,लेकिन बीती रात तीन सौ से अधिक शवयात्री घाट पर पहुंचे। आम दिनों की अपेक्षा पांच गुना अधिक संख्या बढ़ गई है। तापमान बढ़ने के कारण आसपास के जिलों में भी मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। डोम राजा ओम चौधरी ने बताया कि कोरोना काल के बाद यह पहला मौका है जब अचानक शवदाह करने वालों की भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ी है।